9 माह बाद स्कूलों में फिर से घंटी बजेगी। सोमवार से जिले के सभी स्कूलों में सीनियर सेक्शन एवं कॉलेज खुल जाएंगे। स्कूलों में 9वीं से 12वीं तक के छात्र स्कूल जा सकेंगे। छात्रों को स्कूलों में मास्क लगाने व अभिभावकों से लिखित घोषणा पत्र लेकर आने पर ही एंट्री मिलेगी। एक बच्चा सप्ताह में 3 दिन ही स्कूल जाएगा। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए आधी उपस्थिति के साथ ही क्लास का संचालन होगा। ऐसे में बच्चे स्कूल जाएं तो पूरे एहतियात के साथ।
स्कूल में टास्क फोर्स बने, डस्टबिन खुला नहीं रहे
एसओपी के अनुसार, स्कूल में अभिभावकों के अनुमति पत्र पर ही एंट्री मिलेगी। बच्चों की 50 प्रतिशत क्षमता हो, स्कूल के सभी स्टाफ भी मास्क में रहेंगे, हर दिन सैनिटाइजेशन हो, वाश रूम की नियमित अंतराल पर सफाई हो, स्कूल में टास्क फोर्स बने, डस्टबिन खुला न रहे।
सभी प्रिंसिपल को गाइडलाइन के पालन का निर्देश दिया है, तैयारी पूरी है : डीईओ
जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) अब्दुस सलाम अंसारी ने कहा कि सभी प्रिंसिपल को एसओपी के पालन के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं। पत्र भेजने के बाद दो-दो बैठक कर समीक्षा की गई हैं। तैयारी पूरी कर ली गई है। सरकारी स्कूलों में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, डीपीएम, प्रधानाचार्यों को निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।
डीएवी स्कूल के तीनों ब्रांच आज नहीं खुलेंगे
सरकार के निर्देश के अनुसार चार जनवरी से स्कूल खुलना है। लेकिन डीएवी में 29 दिसंबर से 4 जनवरी तक छुट्टी का शेड्यूल है। खबड़ा ब्रांच के प्राचार्य मनोज झा ने कहा कि स्कूल के तीनों ब्रांच 5 जनवरी से खुलेंगे।
सरकारी स्कूलों में मिलेगा मास्क 56 हजार उपलब्ध कराए गए
सरकारी स्कूलों में 9वीं से 12वीं कक्षा तक में कुल 1.58 लाख छात्र-छात्राएं हैं। लेकिन, बीईओ के माध्यम से स्कूलों को 56 हजार मास्क ही उपलब्ध कराए गए हैं। छात्र कोष की राशि से थर्मल स्कैनर, सैनिटाइजर उपलब्ध कराए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग काे हर दिन सैनिटाइजेशन कराना है। लेकिन, शहर के भी कई स्कूलों में तैयारी आधी-अधूरी दिखी।
आइए जानते हैं क्या कहते हैं चिकित्सक डॉ. एके दास
प्रश्न : बच्चे को स्कूल भेजें तो क्या रखें ख्याल?
डॉक्टर : सर्दी, जुकाम हो तो न भेजें। घर में 10 दिनों के अंतराल में किसी को कोविड पॉजिटिव हो तो भी नहीं भेजें। घर में भी किसी को सर्दी-जुकाम हो तो पहले टेस्ट करा लें। निगेटिव आने पर ही बच्चों को स्कूल भेजें। मास्क लगा कर और सैनिटाइजर की छोटी बोतल देकर भेजें। सर्दी न हो तो भी रूमाल या टिशू पेपर साथ में रखने के लिए दें।
प्रश्न : कितनी दूरी पर छात्रों को बैठाना चाहिए ?
डॉक्टर : एक बेंच पर एक छात्र हों। 6 फीट दूरी हो। बच्चों को सिखा कर भेजें कि दूसरे से दूरी बना कर रखें। टीचर को इस पर लगातार ध्यान देना होगा। एसओपी में भी ये बातें हैं।
प्रश्न : स्कूल प्रबंधन को क्या ध्यान रखना होगा ?
डॉक्टर : एसओपी के अनुसार, एंट्री गेट पर स्क्रीनिंग हो। हाथों को सैनिटाइज कर प्रवेश दें। भीड़ नहीं लगने दें। घेरा बना कर दूरी में क्लास रूम में प्रवेश कराएं। सफाई के साथ हर दिन सैनिटाइजेशन हो। कैंपस में दूरी बना कर 1 घंटे घेरा में योग या फिजिकल कराएं।
प्रश्न : क्लास रूम में क्या ऐहतियात बरतनी होगी ?
डॉक्टर : बच्चे एक दूसरे से कॉपी-पेन, पानी बोतल या किसी तरह का सामान शेयर न करें।
प्रश्न : बच्चे के अस्वस्थ होने पर क्या करना होगा?
उत्तर : स्कूल को एक डॉक्टर से संपर्क रखना चाहिए। फर्स्ट एड के साथ अभिभावक को ले जाने के लिए कहें।
प्रश्न : वाहन में कम जगह हो तो कैसे बचाव होगा?
डॉक्टर : सैनिटाइजेशन के बाद 50 प्रतिशत सीट पर ही बच्चे बिठाएं। अनुशासन हो। वाहन फिलहाल न चलें तो ठीक रहेगा।
प्रश्न : स्कूल का पानी पीना ठीक रहेगा, लंच के दौरान क्या करें?
उत्तर : लंच अपनी-अपनी सीट पर करें। स्कूल कैंपस हो तो घेरा बनाकर बिठाएं। घर से पानी बोतल अपना लेकर लाएं तो अच्छा है।
प्रश्न : प्रैक्टिकल के दौरान क्या ध्यान रखें?
उत्तर : प्रैक्टिकल में अपनी सीट होती है, लेकिन बच्चे उस दौरान एक-दूसरे के नजदीक आ जाते हैं। िवशेष ध्यान रखना होगा।
प्रश्न : बचाव के लिए कुछ खास क्या करना चाहिए?
उत्तर : बच्चों का समय-समय पर टेस्ट होना चाहिए। इससे कोविड पॉजिटिव की पहचान हो जाएगी तो फैलाव नहीं होगा।
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दैनिक भास्कर,,1733
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