नई दिल्ली: कर्नाटक के हिजाब विवाद की गूंज बुधवार को देशभर में सुनाई दी। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने कपड़ों को लेकर महिलाओं की पसंद का समर्थन किया जबकि केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने पोशाक मुद्दे को सांप्रदायिक रंग दिए जाने की आलोचना की। हिजाब विवाद बुधवार को कर्नाटक से निकलकर राजधानी दिल्ली पहुंच गया। एंटी सीएए प्रदर्शन का केंद्र रहे शाहीन बाग में कई मुस्लिम महिलाएं हाथों में तख्ती लेकर शिक्षण संस्थानों में हिजाब न पहनने देने पर अपना विरोध जताया। मेरे हिजाब पहनने से क्या दिक्कत शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रही एक महिला ने हिजाब से जुड़े सवाल पर कहा कि, मेरे हिजाब पहनने से किसी को क्या दिक्कत हो सकती है। क्या मेरे हिजाब पहनने से किसी को कुछ तकलीफ हो रही है। महिला ने आगे कहा कि, अगर समानता की बात है तो क्या स्कर्ट पहनने से लैंगिक समानता आती है? अगर ऐसा है तो लड़कों और लड़कियों को स्कर्ट पहना कर बैठाना देना चाहिए। 'अंतिम सांस तक करेंगे प्रदर्शन' कर्नाटक हाईकोर्ट के इस मामले को बड़ी बेंच को भेजने संबंधी सवाल पूछने पर महिला ने कहा कि, हम अपने हक के लिए लड़ेंगे और अंतिम सांस तक इसके लिए प्रदर्शन करेंगे। सिख की टर्बन पर सवाल उठाते हुए प्रदर्शन कर रही महिला ने कहा कि, सिख समुदाय जब टर्बन पहनकर निकलता है तो उसपर कोई चालान नहीं किया जाता। तो सारे नियम-कानून सिर्फ मुसलमानों के लिए क्यों बनाए जाते हैं। प्रदर्शन कर कर रही महिलाओं में से एक महिला से जब पूछा गया कि कई देशों में बुर्के और हिजाब पर बैन है और यहां तो बैन नहीं किया गया है। इसका जवाब देते हुए कहा कि अगरल आप बाकी देशों से तुलना करना चाहते हैं तो सिख की टर्बन भी निकाल देना चाहिए। अगर समानता की बात है तो हर जगह समानता होनी चाहिए।
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