जम्मू-कश्मीर में नई सरकार के गठन से पहले राष्ट्रपति शासन हट गया है। रविवार देर रात को गृह मंत्रालय की ओर नोटिफिकेशन जारी किया गया, जिसमें जम्मू-कश्मीर से से प्रेसिडेंट रूल हटाए जाने की जानकारी दी गई। दरअसल, जम्मू-कश्मीर में पिछले विधानसभा चुनाव 10 साल पहले 2014 में हुए थे। चुनाव के बाद भाजपा और पीडीपी ने गठबंधन करके सरकार बनाई थी, लेकिन 2018 में भाजपा के समर्थन वापस लेने के बाद सरकार गिर गई थी और महबूबा मुफ्ती ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। तब से जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ था जो अब हटा लिया गया है। इधर, नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला आज जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। विधानसभा चुनाव में NC ने 42, उसकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने 6 और CPI(M) ने एक सीट जीती थी। रिजल्ट सामने आते ही NC प्रमुख और पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि उमर सीएम बनेंगे। उन्हें 10 अक्टूबर की बैठक में विधायक दल का नेता चुना गया था। इसके बाद उमर ने 11 अक्टूबर की शाम श्रीनगर में राजभवन जाकर LG मनोज सिन्हा से मुलाकात की और जम्मू-कश्मीर में I.N.D.I.A. ब्लॉक की सरकार बनाने का दावा पेश किया था। राष्ट्रपति शासन हटने का नोटिफिकेशन देर रात जारी NC के पास अकेले ही 47 विधायकों का समर्थन चुनाव में जीते 7 निर्दलीय विधायकों में से 4 ने 10 अक्टूबर को NC को समर्थन देने का ऐलान किया था। ये चार निर्दलीय- इंदरवल से प्यारे लाल शर्मा, छम्ब से सतीश शर्मा, सूरनकोट से मोहम्मद अकरम और बनी सीट से डॉ रामेश्वर सिंह हैं। इसके बाद उमर ने कहा था- अब हमारी संख्या बढ़कर 46 हो गई है। वहीं, एक दिन बाद 11 अक्टूबर को आम आदमी पार्टी (AAP) ने NC को समर्थन दिया था। मेहराज मलिक डोडा सीट से पार्टी के एक मात्र विधायक चुने गए हैं। अरविंद केजरीवाल ने 13 अक्टूबर को डोडा की धन्यवाद रैली में उमर अब्दुल्ला को जीत की बधाई दी। रैली में उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की हालत भी अब दिल्ली जैसी हो गई है। यहां भी CM से ज्यादा पावर LG के पास हैं। मैं उमर अब्दुल्ला से कहना चाहता हूं कि अगर सरकार चलाने में अड़चन आए तो मुझसे पूछ लेना, मैंने दिल्ली चलाई है। पूरी खबर पढ़ें... दो सीटों से चुनाव जीते हैं उमर अब्दुल्ला उमर ने दो सीटों से विधानसभा चुनाव जीता है। वे गांदरबल और बडगाम सीट से चुने गए हैं। दोनों सीटें NC का गढ़ रही हैं। गांदरबल सीट से उनके दादा शेख अब्दुल्ला 1977 और पिता फारूक अब्दुल्ला 1983, 1987 और 1996 में यहां से जीत चुके हैं। 2008 में जब उमर पहली बार सीएम बने थे, तब वे भी इसी सीट से चुनाव जीते थे। वहीं, बडगाम सीट पर भी NC का दबदबा रहा है। पिछले 10 विधानसभा चुनावों में सिर्फ एक बार NC यहां से हारी है। दरअसल, लोकसभा चुनाव में उमर बारामुला सीट इंजीनियर राशिद से हार गए थे, इस वजह से उन्होंने दो सेफ सीटों से चुनाव लड़ा। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव रिजल्ट एनालिसिस... नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस: BJP के खिलाफ गुस्से को वोट में बदला नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 56 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें उसे 42 पर जीत मिली। हालांकि, जीती सीटों में से 35 से ज्यादा कश्मीर रीजन की हैं। NC के सबसे बड़ी पार्टी बनने पर पॉलिटिकल एक्सपर्ट अजहर हुसैन कहते हैं- पार्टी ने आर्टिकल-370 खत्म किए जाने के खिलाफ मजबूती से आवाज उठाई। इससे BJP के खिलाफ लोगों में जो गुस्सा था, वो नेशनल कॉन्फ्रेंस के लिए वोट में बदल गया। BJP: जम्मू में दबदबा बरकरार, करीब 70% सीटें जीतीं BJP ने 2014 में सभी 25 सीटें जम्मू से जीती थीं। इस बार उसने चार सीटें ज्यादा मिलीं। हालांकि, इस बार भी सभी सीटें जम्मू में जीती हैं। BJP का स्ट्रॉन्ग होल्ड जम्मू ही है। यहीं उसे नुकसान होने का अंदेशा था, लेकिन वो अपने वोट बचा पाने में कामयाब रही। सीट के लिहाज से पार्टी भले दूसरे नंबर पर है, लेकिन उसे सबसे ज्यादा 25.64% वोट मिले हैं। ये NC से करीब 2% ज्यादा हैं। पार्टी ने कश्मीर में 19 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। इसमें गुरेज सीट पर पार्टी जीत की दावेदार थी। पार्टी कैंडिडेट फकीर मोहम्मद खान यहां सिर्फ 1132 वोट से हार गए। PDP: बड़े-बड़े नेता हारे, BJP से दोस्ती का अब तक नुकसान पूर्व CM महबूबा मुफ्ती की पार्टी PDP इस बार सबसे ज्यादा नुकसान में रही। 2014 के मुकाबले उसे 25 सीटों का नुकसान हुआ। महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती बिजबेहरा सीट से चुनाव हार गईं। लोकसभा चुनाव में महबूबा की हार के बाद मुफ्ती परिवार और पार्टी के लिए ये दूसरा बड़ा झटका है। एक्सपर्ट इस हार की वजह BJP के साथ पुराने गठबंधन को मानते हैं। .......................................................... जम्मू-कश्मीर चुनाव से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... जम्मू-कश्मीर में रिजल्ट के बाद 5 विधायक नॉमिनेट होंगे: 2 कश्मीरी पंडित,1 PoK का प्रतिनिधि जम्मू-कश्मीर में 8 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद पांच विधायकों को मनोनीत किया जाएगा। गृह मंत्रालय के आदेश पर जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा पांच लोगों को विधानसभा के लिए नॉमिनेट करेंगे। पूरी खबर पढ़ें... राशिद बोले- स्टेटहुड मिलने तक I.N.D.I.A.-PDP सरकार न बनाएं: उमर बोले- उनके सुझाव से भाजपा को फायदा अवामी इत्तेहाद पार्टी के चीफ और बारामूला सांसद राशिद इंजीनियर ने कहा- 'जब तक जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिलता, तब तक INDI ब्लॉक, PDP और अन्य पार्टियां राज्य में सरकार नहीं बनाएं, लेकिन एकजुट रहें।' पूरी खबर पढ़ें...
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सरकार गठन से पहले जम्मू-कश्मीर से राष्ट्रपति शासन हटा:2018 में महबूबा मुफ्ती के इस्तीफे के बाद लगा था; आज उमर की शपथ संभव
सरकार गठन से पहले जम्मू-कश्मीर से राष्ट्रपति शासन हटा:2018 में महबूबा मुफ्ती के इस्तीफे के बाद लगा था; आज उमर की शपथ संभव
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