भूमि सर्वेक्षण के लिए राज्य के 18 जिलों में तैनात किए गए नवनियुक्त बंदोबस्त पदाधिकारियों से सरकार ने कहा कि यह अंतिम भूमि सर्वेक्षण है। इसके बाद इतने बड़े पैमाने पर भूमि सर्वेक्षण की जरूरत नहीं पड़ेगी। सिर्फ जमीन के दस्तावेजों एवं नक्शा में निरंतर अपग्रेडेशन होता रहेगा। सभी काम टेक्नोलॉजी के सहारे होगा। इस लिहाज से अभी का काम इतिहास के पन्ने में दर्ज हो जाएगा।
ऐसे में सभी बंदोबस्त पदाधिकारियों के पास इतिहास रचने का सुनहरा मौका है। योजना के मुताबिक सर्वेक्षण पूरा होने के साथ चकबंदी का काम भी खत्म किया जाना है, इसलिए सभी पदाधिकारियों को चकबंदी की भी पूरी जानकारी लेनी है।
राजस्व (सर्वे) प्रशिक्षण संस्थान, पटना में नवनियुक्त बंदोबस्त पदाधिकारियों के लिए सोमवार से शुरू हुए पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के आला अधिकारियों ने इन आईएएस अफसरों को यह पाठ पढ़ाया।
उन अधिकारियों को प्रशिक्षण के तुरंत बाद नालंदा जिले का दौरा कराया जाएगा और वहां भूमि सर्वेक्षण शिविरों में जाकर जमीनी कार्य का मुआयना कराया जाएगा। वे एक अंचल में भी जाएंगे, ताकि भूमि सर्वेक्षण एवं अंचल कार्यालय के बीच समन्वय और दोनों कार्यालयों के कार्यों को ठीक तरह से समझ सकें।
वे विशेष सर्वेक्षण शिविरों में काम कर रहे अमीन, कानूनगो एवं सहायक बंदोबस्त पदाधिकारियों से रूबरू होंगे। जमीन पर हो रहे किस्तवार के काम, मुस्तकिल की पहचान, त्रि-सीमाना का निर्धारण एवं मोन्यूमेंट लगाने की ऑन द स्पाॅट जानकारी लेंगे।
4 दिनों तक दी जाएगी सैद्धांतिक जानकारी, एक दिन का हाेगा व्यवहारिक प्रशिक्षण : सभी बंदोबस्त पदाधिकारियों को 4 दिनों तक भूमि सर्वेक्षण की सैद्धांतिक जानकारी दी जाएगी। इसके बाद एक दिन का व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहले दिन उन्हें बताया गया कि विशेष सर्वेक्षण की आवश्यकता क्यों हुई और अबतक की प्रगति क्या है? हाईब्रिड मेथड से भूमि सर्वेक्षण कैसे किया जाना है? हवाई एजेंसियों की क्या भूमिका है?
एजेंसियों द्वारा बनाए गए नक्शे को अमीन द्वारा स्थल सत्यापन कैसे करना है? गांव का सीमा निर्धारण कैसे होना है? गांवों के मिलान बिंदु यानी त्रि-सीमाना पर मोन्यूमेंट कैसे लगवाना है, खानापुरी के दौरान रैयतों की भूमिका क्या होगी? नक्शा एवं खतियान कैसे बनेगा? जमीन के प्रारूप प्रकाशन के बाद असंतुष्ट रैयत अपनी आपत्ति को कैसे और कहां दर्ज कराएगा। निदेशक, भू-अभिलेख एवं परिमाप जय सिंह ने सभी बंदोबस्त पदाधिकारियों को विस्तार से जानकारी दी।
डीएम के समकक्ष पद होने की वजह से उसी स्तर की मिलेंगी सुख-सुविधाएं
विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने नवनियुक्त बंदोबस्त पदाधिकारियों को कहा कि उनके पद की पुरानी गरिमा के मुताबिक सुख-सुविधा मिलेगी। डीएम का समकक्ष पद होने की वजह से उसी स्तर का वाहन, कार्यालय, आवास, निजी सहायक आदि की व्यवस्था की जा रही है। भूमि सर्वेक्षण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
इस काम की निगरानी करने के लिए कई स्तर पर पदाधिकारियों को लगाया गया है। निदेशालय स्तर से छह नोडल पदाधिकारी बनाए गए हैं, जिनके बीच सभी 20 जिले बंटे हुए हैं। जिलों के प्रभारी सचिवों को काम की प्रगति का मूल्यांकन करने का दायित्व सौंपा गया है। जिलों में कार्यरत भूमि सुधार उप समाहर्ता से लेकर डीएम को नियमित तौर पर भूमि सर्वेक्षण की निगरानी करने एवं शिविरों का दौरा करने की जिम्मेदारी दी गई है।
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दैनिक भास्कर,,1733
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