पिछले दिनों अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए शिक्षक विभागीय कार्रवाई एवं निलंबन से मुक्त कर दिए गए हैं। दरअसल इस बावत शिक्षा विभाग के उप सचिव अरशद फिरोज ने निर्देश देते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी को आदेश पर अमल करने को कहा था। इसके साथ ही शिक्षकों को हड़ताल व निलंबन अवधि का वेतन भी भुगतान करने का निर्देश दिया गया था। उक्त आशय का सरकारी निर्देश जारी होने के बाद डीईओ ने सभी नियोजन इकाइयों को पत्र भेजा है।
इस संबंध में डीईओ विद्यासागर सिंह ने बताया कि विभाग के उप सचिव का पत्र मिला है। जिसमें संघ से वार्ता के बाद हड़ताल अवधि में शिक्षकों पर की गई कार्रवाई को हटा दिया गया है। परिणाम स्वरूप शिक्षक को निलंबन मुक्त करते हुए उन्हें विद्यालय में योगदान देने को कहा गया है। डीईओ ने बताया कि इसके लिए वह नियोजन इकाई जिला परिषद ,नगर परिषद एवं नगर पंचायत को नियोजन मुक्त करने के लिए पत्र भेजा है।
डीईओ ने यह भी बताया कि लॉक डाउन के कारण कई लोग इधर-उधर फंसे हुए हैं। आवागमन की असुविधा है। इसके मद्देनजर विभाग ने जिला मुख्यालय के नजदीकी विद्यालय में योगदान करने का निर्देश शिक्षकों को दिया है। अन्यत्र फंसे हुए शिक्षक जिले के अंदर अपने नजदीकी विद्यालय में योगदान कर सकते हैं।
तोड़-फोड़ व हिंसा में शामिल शिक्षकों को नहीं किया जाएगा बरी
हड़ताल अवधि में शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों पर सरकार द्वारा की गई अनुशासनिक कार्रवाई को वापस लेने की कार्रवाई का निर्णय लिया गया है। हालांकि, तोड़फोड़ एवं हिंसा में शामिल शिक्षकों को बरी नहीं किया जाएगा। आदेश में कहा गया है कि निलंबित नियोजित शिक्षकों के संदर्भ में निलंबन को समाप्त करते हुए विभागीय कार्यवाही से मुक्त करने की अनुशंसा जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा संबंधित नियोजन इकाई से की जाएगी।
उप सचिव ने निलंबन अवधि के लिए अविलंब नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता का भुगतान करने का भी निर्देश दिया है। मुक्त होने के उपरांत 25 मार्च से निलंबन मुक्त होने की तिथि की अवधि, जो लॉकडाउन की अवधि है, के लिए पूर्ण वेतनादि में से भुगतान किए गए जीवन निर्वाह भत्ता की राशि को घटाकर शेष राशि का भुगतान हड़ताली शिक्षकों की भांति समायोजित किया जाएगा।
बर्खास्त शिक्षकों को जाना होगा अपीलीय प्राधिकार
हड़ताल की पृष्ठभूमि में जिन शिक्षकों की सेवा समाप्त की गई थी, को अपीलीय प्राधिकार के समक्ष अपील दायर करना होगा। विभाग के आदेश में कहा गया है कि अपील अभ्यावेदन पर अपीलीय प्राधिकार को समीक्षा करते हुए सेवा में वापसी के आदेश पर निर्णय लेना आवश्यक होगा। खास बात यह कि सेवा समाप्ति की तिथि एवं सेवा में वापस होने की तिथि के बीच की अवधि को सेवा में टूट नहीं माना जाएगा और उसे उपार्जित अवकाश में बदल दिया जाएगा। उपार्जित अवकाश संचित नहीं रहने पर अवैतनिक अवकाश स्वीकृत होगा। विभाग के इस आदेश के बाद शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है।
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दैनिक भास्कर,,1733
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