जिले में प्रवासी श्रमिकों को रोजगार दिलाने के लिए क्लस्टर निर्माण कार्य काफी धीमा है। इसे लेकर डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने उद्योग विभाग को दो दिन में कागजी प्रक्रिया पूरी करने को कहा है। उन्होंने लहठी और सैनिटरी नैपकिन क्लस्टर का 14 और 15 सितंबर को प्रशासनिक निरीक्षण की बात कही है। डीएम गुरुवार को समाहरणालय सभाकक्ष में उद्योग विभाग की योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री कुशल श्रमिक उद्यमी क्लस्टर योजना के तहत 20-20 लाख रुपए लागत से बोचहां प्रखंड में लहठी और सकरा में सैनिटरी पैड निर्माण के लिए कलस्टर बनाया जा रहा है। इसे लेकर प्रशिक्षण भी शुरू है। श्रमिकों के समूह का गठन कर बैंक खाता भी खुलवाया जा चुका है। दोनों परियोजनाएं बिहार पुल निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा पोषित है।
साथ ही औद्योगिक नवप्रवर्तन योजना के अधीन औराई प्रखंड में रेडीमेड गारमेंट्स, बंदरा में पेपर/गत्ता बॉक्स, साहेबगंज में मोबाइल चार्जर और कटरा में फर्नीचर निर्माण कलस्टर का काम चल रहा है। डीएम ने दो दिन में कोऑपरेटिव सोसायटी एक्ट के तहत पंजीयन करा बैंक खाता खोलवाने को कहा है। इससे समूह को पैसा देकर क्लस्टर निर्माण कार्य जल्द पूरा किया जा सकेगा। डीएम ने उद्योग विभाग के जीएम को चेतावनी देते हुए दो दिन में पूरी कार्ययोजना देने को कहा।
बागों का जीर्णोद्धार कर कमा सकते हैं प्रति एकड़ 30 हजार: डॉ. विशालनाथ
लीची के पुराने बागों का जीर्णोद्धार कर किसान पांच वर्षों के बाद 25 से ₹30 हजार रुपए प्रति एकड़ तक की आमदनी कर सकते हैं। ये बातें गुरुवार को निदेशक डॉ. विशाल नाथ ने राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र में आयोजित दो दिवसीय किसान प्रशिक्षण शिविर में कही। कहा- जीर्णोद्धार के उपरांत तीसरे साल से ही 25-30 किलोग्राम फल प्रति पेड़ प्राप्त होने लगेंगे। मौके पर केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. शेषधर पाण्डेय, डॉ. जयप्रकाश वर्मा, डॉ. संजय सिंह ने महत्वपूर्ण जानकारियां किसानों को दीं।
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दैनिक भास्कर,,1733
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