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Wednesday, August 7, 2024

आशा किरण शेल्टर होम की जरूरतें तुरंत पूरी कराएं:दिल्ली हाईकोर्ट ने सचिव से कहा- प्रभावी कार्रवाई करते हुए असहाय न महसूस करें

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को आदेश दिया कि बिना देर किए आशा किरण शेल्टर की जरूरतों को पूरा करें। कोर्ट ने पूरे मामले में निराशा जताई और समाज कल्याण विभाग के सचिव से कार्रवाई को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। पिछले दिनों शेल्टर होम में एक महीने में 14 लोगों की मौत का मामला सामने आया था। इसमें 8 महिलाएं और 6 पुरुष शामिल थे। आशा किरण शेल्टर होम दिल्ली सरकार की एकमात्र संस्था है, जहां मानसिक रूप से कमजोर लोगों की देखभाल की जाती है। 12 अगस्त तक नई स्टेट रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश मामले की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव की बेंच ने की। बेंच ने कहा कि वित्तीय बाधाएं महत्वपूर्ण मुद्दों के बीच बाधा नहीं बननी चाहिए। प्रभावी ढंग से कार्रवाई करते हुए असहाय महसूस न करें। कोर्ट ने इमरजेंसी की स्थिति से निपटने के लिए जरूरी संसाधनों और कर्मचारियों की नियुक्ति करने के निर्देश दिए। साथ ही, 12 अगस्त तक मामले में नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। वहीं, समाज कल्याण सचिव ने कोर्ट से कहा कि वे निजी रूप से मामले को देेेखेंगे। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, शेल्टर होम में फरवरी 2024 से अबतक कुल 25 मौतें हुई हैं। इनमें से 14 मौतें केवल जुलाई 2024 में हुईं। शेल्टर होम की ओर से दिल्ली सरकार को दी गई रिपोर्ट में दस्त और बेहोशी से मौत होने की बात कही थी। शेल्टर होम में क्षमता से ज्यादा मरीज भर्ती राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने आरोप लगाया था कि आशा किरण शेल्टर होम की क्षमता 250 है, जबकि उसमें 450 लोग भर्ती हैं। उन्हें ढंग का खाना, पानी और इलाज नहीं मिल रहा है। मरीजों को गंदा पानी देने के लिए आतिशी को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। वहीं, TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 1989 में बने इस शेल्टर होम में 500 लोगों के भर्ती होने की क्षमता है, लेकिन यहां 1000 लोग भर्ती हैं। इनके इलाज के लिए यहां सिर्फ 6 डॉक्टर और 17 नर्स हैं। शेल्टर होम में महिलाओं और पुरुषों के लिए 10-10 डॉरमेट्री हैं। BJP महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष बोलीं- बच्चों को खाना नहीं मिलता इस मामले में BJP महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेखा गुप्ता कहती हैं कि शेल्टर होम में लगातार मौतें हो रही हैं। 2024 में 27 लोगों की मौत हुई है। केवल जुलाई में ही 17 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि प्रशासन कारण नहीं बता रहा। एसडीएम जांच में क्या है, हमें नहीं पता, सभी अधिकारी गेट बंद करके बैठे हैं। किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं है। रेखा ने आरोप लगाया कि यहां बच्चों को गंदा पानी मिल रहा है, उन्हें खाना नहीं मिलता, इलाज नहीं मिलता। इसकी जांच होनी चाहिए और जो भी इसमें शामिल हैं, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। मृतकों के आंकड़े को लेकर अलग-अलग दावे मृतकों के आंकड़े को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी से अब तक शेल्टर होम में 27 बच्चों की मौत हुई है। सब डिविजनल मजिस्ट्रेट की जांच में शेल्टर होम में मौतों का खुलासा हुआ है। हालांकि, दिल्ली सरकार ने शेल्टर होम में जनवरी से अब तक 14 मौतों की बात कही है। मौतों का असली कारण फिलहाल पता नहीं चल सका है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मरने वाले लोगों में दस्त और उल्टी के एक जैसे लक्षण थे। आशा किरण मेडिकल केयर सेंटर के डेटा के अनुसार जनवरी 2024 से हर महीने 2-3 मौतें हो रही हैं, लेकिन जुलाई में ये आंकड़ा तेजी से बढ़ा। शेल्टर होम की निगरानी करने वाले विभाग के प्रमुख का पद खाली आशा किरण शेल्टर होम दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत आती है। AAP विधायक राज कुमार आनंद समाज कल्याण मंत्री थे। हालांकि, 10 अप्रैल को मंत्री पद और AAP से उनके इस्तीफे के बाद से इस विभाग के हेड का पद खाली है। तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसी भी मंत्री को विभाग का जिम्मा नहीं सौंपा है। साल 2015 में कैग ने अपनी रिपोर्ट में भी शेल्टर होम की फंक्शनिंग पर सवाल उठे थे। रिपोर्ट के अनुसार 2009 से 2014 के बीच 148 मौतें हुई थीं। वहीं, दिल्ली महिला आयोग ने 2017 में यहां की सुविधाओं पर चिंता जताई थी। यह खबर भी पढ़ें... हाईकोर्ट का ED से सवाल- केजरीवाल को फिर गिरफ्तार करेंगे:जांच एजेंसी ने केजरीवाल की जमानत को चुनौती दी, ट्रायल कोर्ट ने जमानत दी थी दिल्ली हाईकोर्ट में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत के खिलाफ बुधवार को सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने ED से पूछा कि क्या जांच एजेंसी दिल्ली के मुख्यमंत्री को दोबारा गिरफ्तार करना चाहती है। बार एंड बेंच के मुताबिक, ED से यह सवाल जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने किया। उन्होंने कहा कि मैं असमंजस में हूं। आखिर आप (ED) करना क्या चाहते हैं? ED की ओर से पेश हुए वकील विवेक गुरनानी ने कोर्ट को बताया कि ASG एसवी राजू दूसरे केस में व्यस्त हैं, इसलिए कोर्ट इस केस को कल या किसी और दिन सुनवाई कर ले। पूरी खबर पढ़ें... सुप्रीम कोर्ट बोला- हमारे आदेशों का पालन करना संवैधानिक दायित्व:पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा था- शीर्ष अदालत खुद को वास्तविकता से ज्यादा सर्वोच्च मानती है सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (7 अगस्त) को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के एक आदेश में की गई टिप्पणियों पर नाराजगी जताई और उन्हें हटाने का आदेश दिया। शीर्ष कोर्ट ने मामले का स्वतः संज्ञान लिया और टिप्पणी को चिंताजनक बताया। हाईकोर्ट के जस्टिस राजबीर सेहरावत ने अपने एक आदेश में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट अपनी संवैधानिक सीमाओं से बाहर जा रहा है और हाईकोर्ट की शक्तियों को कम आंक रहा है। मामला अवमानना ​​याचिका से जुड़ा था, जिसकी सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। पूरी खबर पढ़ें...

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