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Saturday, May 9, 2020

क्वारेंटाइन सेंटर में गंदगी के बीच हैं प्रवासी

दूसरे प्रदेशों से आए प्रवासी श्रमिकों के लिए कोरोना संक्रमण से बचाव व रोकथाम के लिए 21 दिनों के लिए क्वारेंटाइन केंद्र में रहना अनिवार्य है। इसके लिए सभी प्रखंडों में क्वारंेटाइन केंद्र बनाए गए है। इन क्वारंेटाइन सेंटरों में रह रहे श्रमिकों को जिला प्रशासन की तरफ से समय से भोजन व अन्य सुविधाएं मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है। बावजूद क्वारंेटाइन सेंटर में प्रशासन के निर्देश का सही से अनुपालन नहीं किया जा रहा है।

करगहर प्रखंड के एसएन कॉलेज शाहमल देव खैरा को भी क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। इसमें रह रहे प्रवासियों ने बताया कि केवल तैलीय एवं मसाला वाला भोजन दिया जा रहा है वो भी बासी। प्रवासियों ने बताया कि भोजन को पॉलिथीन में पैक कर दिया जा रहा है जबकि सरकार द्वारा हीं लोगों को जागरूक किया जाता है पॉलिथीन का प्रयोग नहीं करे वह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

भोजन भी अच्छी तरह से पका हुआ नहीं रहता
भोजन भी अच्छी तरह से पका हुआ नहीं रहता है। गंदगी के कारण रात भर मच्छर सोने नहीं देते। कमरे के आस-पास फैले कचरे के कारण दुर्गध आती रहती है। इसी तरह पीने के लिए शुद्ध पानी की व्यवस्था नहीं है। श्रमिकों ने बताया कि क्वारंेटाइन केंद्र में तैनात कर्मियों को कहने के बाद भी कोई सुधार नहीं किया जा रहा है। श्रमिकों ने बताया कि सेंटर पर तैनात कर्मी अपने पीने के लिए आरओ का पानी मंगवाते हैं।

मजदूरों ने कहा-सुविधा के नाम पर लूट मची है
जब प्रशासन द्वारा शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं किया गया तो मजबूरन हमलोगाें को आरओ का पानी मंगवाना पड़ा। सुविधा के नाम पर लूट मची है। प्रवासी मजदूरों की मानें तों पिछले दो-तीन दिनों से यहां सैनेटाइजर का छिड़काव नहीं हो रहा है। मजदूरों को को स्वयं साफ-सफाई करनी पड़ती है। इसकी जब शिकायत प्रखंड विकास पदाधिकारी से की गई तो उन्होंने हमलोगों के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया।



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Migrants are among the dirt in Quarantine Center

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दैनिक भास्कर,,1733

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