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Tuesday, May 19, 2020

बकरी पालन से कम लागत में आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन सकते हैं पशुपालक व किसान

पशुपालकों व किसानों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने को लेकर बल्हा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिकों की अोर से क्षेत्र में किसानों को जागरूक किया जा रहा है। कृषि वैज्ञानिक लोगों को बकरी पालन करने की सलाह दे रहे हैं। वे बता रहे हैं कि कम लागत में अधिक फायदा के लिए बकरी पालन लोगों के लिए वरदान साबित हो सकता है। इसके तहत वैज्ञानिक गांव-गांव घूमकर किसानों को बकरी पालन से संबंधित जानकारी देते हुए व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। इस क्रम में पुपरी में पशु वैज्ञानिक डॉ. किंकर कुमार ने बताया कि आदिकाल से बकरियां मानव जाति की सहचरी रही हैं। सदियों से निर्बल, भूमिहीन, आर्थिक रूप से पिछड़े व सीमांत कृषकों के लिए बकरियां बहुत उपयोगी साबित हुई है। बकरी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जिसे छोटा व भूमिहीन किसान भी कम लागत के साथ कर सकता है। इस व्यवसाय से बकरियां मांस, दूध, खाल व खाद प्रदान करती हैं। इससे किसानों को अलग रोजगार व आर्थिक मदद भी मिलेगी। पशु वैज्ञानिक श्री किंकर ने बताया कि शुरुवात में छोटे किसान 10 बकरी और 1 बकरा की मदद से बकरी पालन यूनिट की स्थापना कर सकते है। बकरियां 10 से 12 माह में बच्चा देने योग्य हो जाती हैं। बकरियां हमेशा एक से अधिक बच्चों को जन्म देती है। वहीं, बकरा 12-15 माह की उम्र के बाद ही प्रजनन के योग्य हो जाता है।



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पशुपालक काे जानकारी देते कृषि वैज्ञानिक।

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दैनिक भास्कर,,1733

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