कैमूर में करमचट थाने में तैनात दारोगा ओमप्रकाश सिंह 55 वर्ष की इंडिका कार अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई। हादसे में गंभीर घायल हुए दारोगा की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। हादसा पटना जिलांतर्गत दानापुर के शाहपुर थाना क्षेत्र के सरारी पॉवर ग्रिड के पास मंगलवार तड़के हुआ। वे करीब 55 साल के थे।
घटना के बाद घटनास्थल के आसपास रहे लोग जूट गए और तत्काल सूचना स्थानीय थाना पुलिस को दी। सूचना पर पुलिस पहुंची और कार में दबे दारोगा को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक उनकी सांस थम चुकी थी। घटना के संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक वे इंडिका कार खुद ड्राइव कर पटना जा रहे थे।
इसी दौरान उनकी कार जैसे शाहपुर थाना क्षेत्र के सरारी पावर ग्रिड के पास पहुंची, अनियंत्रित होकर कार पेड़ में टकराई गई। हादसे में कार का अगला हिस्सा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ है। मिली जानकारी के मुताबिक दारोगा ओमप्रकाश सिंह मूल रूप से छपरा जिले के डोरीगंज के रहने वाले थे। उनकी पिछले 10 मई को यूपी बिहार बार्डर पर कोरोना ड्यूटी कर्मनाशा में लगी थी।
जनवरी माह में दारोगा की हुई थी पोस्टिंग
दारोगा ओमप्रकाश सिंह कैमूर जिले के कुदरा थाना में तैनात थे। इसी साल यानी 2020 के जनवरी महीने में कैमूर जिला अंतर्गत करमचट थाने में उनकी पोस्टिंग हुई थी। इस दौरान वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने की दिशा में किए गए लॉक डाउन में कैमूर के यूपी-बिहार बॉर्डर स्थित कर्मनाशा में बीते 10 तारीख को दारोगा ओमप्रकाश सिंह की ड्यूटी वरीय अधिकारी के निर्देश के बाद लगाई गई थी।
पटना दवा लेने जाने के क्रम में सड़क हुई दुर्घटना
डुमरी अड्ड के 55 वर्षीय ओमप्रकाश सिंह उर्फ अनिल सिंह जो कैमूर के करमचट थाना में दारोगा के पद पर पदस्थापित थे पटना दवा लेने जाने के क्रम में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। अपनी ड्युटी करने के बाद दवा लेने के लिए पटना जा रहे थे। तभी दानापुर के शाहपुर सराय के पास उनकी इंडिका कार अनियंत्रित होकर सड़क किनारे एक पेड़ से टकरा गई। तरह जख्मी हो गए। उनको इलाज के लिए पटना हॉस्पिटल ले गई। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
दारोगा को पुत्र चन्दन कुमार ने मुखाग्नि दी
पोस्टमार्टम के बाद उनके शव को उनके पैतृक गांव डुमरी अड्डा लाया गया। शव पहुँचते ही पूरे गांव में कोहराम मच गया। पूरे गांव में मातम छा गया। शव को डोरीगंज के रहरिया घाट पर दाह संस्कार किया। इस दौरान पूरा गांव गमगीन और पूरी तरह से स्तब्ध स्थिति में दिखा। ग्रामीणों के मुताबिक किसी को भी इसका अंदेशा भी नहीं था की दारोगा ओमप्रकाश सिंह की जो दवा लेने के लिए घर से पटना के लिए निकले थे वे अब उनके बीच लौट कर नहीं आएंगे। शव को उनके पुत्र चन्दन कुमार ने मुखाग्नि दी। इस मौके पर मुख्य रुप से स्थानीय थानाध्यक्ष ओमप्रकाश चौहान, स्थानीय मुखिया धर्मेन्द्र सिंह, पैक्स अध्यक्ष विनोद सिंह, भाजपा नेता राजेश सिंह, विपिन सिंह आदि उपस्थित रहे। मृतक ओमप्रकाश सिंह तीन भाईयों मे सबसे बड़े थे। उनको दो पुत्र एवं दो पुत्री है जिसमे एक पुत्री की शादी हो चुकी है।
दारोगा ड्यूटी से कब घर निकले थे कराई जा रही जांच
सड़क हादसे में दारोगा दुर्घटना के शिकार हुये हैं। करमचट थाने में उनकी पोस्टिंग थी। परसों यानि 10 तारीख से उनकी ड्यूटी कर्मणाशा में लगाई गई थी। यहाँ ड्यूटी से वे कब निकले और इसकी सूचना वरीय पुलिस अफसर को दी थी या नही इसकी जांच कराई जा रही है। -दिलनवाज अहमद, एसपी, कैमूर”
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दैनिक भास्कर,,1733
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