प्रेमी युगल की हत्याकांड में पुलिस की रिपाेर्ट से एसकेएमसीएच प्रबंधन सवालाें के घेरे में है। मीनापुर थानेदार राजकुमार ने एसएसपी जयंत कांत काे रिपाेर्ट दी है कि गंभीर स्थिति में प्रेमी युगल काे उनके परिजनों ने 22 अप्रैल की देर रात एसकेएमसीएच में भर्ती कराया था। जहां इलाज के क्रम में रात में ही युवक की माैत हाे गई। लेकिन, एसकेएमसीएच प्रबंधन ने उसके शव काे पाेस्टमार्टम के लिए नहीं राेका और न ही इसकी सूचना स्थानीय पुलिस कैंप काे दी। जिसके बाद परिजनों ने शव की अंत्येष्टि कर दी। इस कारण एक बड़ा साक्ष्य नष्ट हाे गया है। युवक की मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी। हालांकि, 23 अप्रैल की सुबह युवती ने भी इलाज के दाैरान एसकेएमसीएच में दम ताेड़ दिया था। लेकिन, युवती के परिजनाें ने पुलिस कैंप में सूचना दी और पाेस्टमार्टम कराने के बाद शव की अंत्येष्टि की। थानेदार की इस रिपाेर्ट काे एसएसपी जयंत कांत ने कार्रवाई के लिए डीएम काे भेजा है। जिसके बाद डीएम ने अधीक्षक से स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है।
एसकेएमसीएच के एक डाॅक्टर समेत 14 कर्मियाें काे थानेदार ने बताया जिम्मेवार
थानेदार ने रिपाेर्ट में कहा है कि जिस समय युवक का शव उसके परिजनाें काे साैंपा गया, उस समय एसकेएमसीएच में डाॅ. गणेश कमार, हेल्थ मैनेजर माे. सुहैल, गनमैन शंकर बैठा, विष्णु ठाकुर, गार्ड पीके ठाकुर, गाेपाल सिंह, ट्राॅली मैन सुनीता देवी, संगीता देवी, मंजू देवी, रंजना देवी, सुमंती देवी, नरेश कुमार, विजय पासवान और अनिता देवी की ड्यूटी थी। थानेदार ने रिपाेर्ट में इन कर्मियाें की लापरवाही बताई है।
क्राइम के सीनियर वकील शरद सिन्हा ने बताया कि थानेदार की रिपाेर्ट यदि सत्य साबित हाेती है और इस संबंध में एसकेएमसीएच के सीसीटीवी की फुटेज उपलब्ध हाेती है ताे अाॅन ड्यूटी बताए जा रहे सभी कर्मियों के साथ मृतक के परिजन भी आईपीसी की धारा 201 के तहत अाराेपित बन जाएंगे। इस स्थिति में आरोपितों पर कानूनी कार्रवाई हाेनी तय है।
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दैनिक भास्कर,,1733
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