कोरोना अब सबकुछ बदल कर रख देगा। सबकुछ मतलब सबकुछ। रहन सहन, खानपान, इंसानी व्यवहार के साथ-साथ सामाजिक परम्परा एवं रस्मों-रिवाज का स्वरूप भी पूरी तरह से बदल जायेगा। इसकी झलक दिख भी रही है। इस दौर की शादी भी खास हो जाएगी। कोरोना काल की शादी अब बिन बैंड-बाजा व बाराती ही होगी। ऐसी ही एक शादी मंगलवार को छपरा शहर में हुई।
कोरोना वायरस को लेकर देशभर में लगाए गए लॉक डाउन के बीच हुई यह शादी हर मामले में अलग थी। सोशल डिस्टेंस मेंटेन करते हुए मास्क लगाए दूल्हा-दुल्हन ने सात फेरे लिए। शायद ही इस तरह से शादी की कल्पना कुछ दिन पहले तक किसी ने नहीं की होगी लेकिन आज की शादी सच्चाई यही है और आगे भी ऐसी ही शादी होगी।
पुरोहित ने वैदिक मंत्रोच्चार और अग्नि को साक्षी मानते हुए शादी संपन्न कराई
लॉकडाउन का पालन करते हुए दूल्हा शेखर और उसके पिता हिमांशु दूबे तीन लोग के साथ बारात लेकर कचहरी स्टेशन रोड स्थित उदय प्रकाश द्विवेदी और मंजू द्विवेदी के घर पहुंचे। जहां बारातियों का स्वागत करने के बाद लड़की पक्ष के लोगो की तरफ से रिंकू पाण्डेय ने सामाजिक दूरी का पालन करते हुए वधू के पिता उदय प्रकाश द्विवेदी के साथ शादी की रस्में पूरी कराई। पुरोहित ने वैदिक मंत्रोच्चार और अग्नि को साक्षी मानते हुए वधु निधि और वर शेखर की शादी संपन्न कराई। न भीड़,उन हीं शोर, नहीं तामझाम, लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए इस शादी के सादगी से संपन्न होने के बाद स्थानीय लोगों का कहना है कि निधि-शेखर की शादी एक अच्छी शुरूआत है। जिसने भी इस तरह से शादी होने की बात सुनी, सबने एक स्वर से इसे सराहा। कहा कि अब तामझाम व अनावश्यक रूप से दिखावे के खर्च की जरूरत नहीं है।
लॉकडाउन नियमों का हुआ पालन: छपरा कचहरी स्टेशन रोड निवासी उदय प्रकाश द्विवेदी और मंजू द्विवेदी की पुत्री निधि की शादी छपरा के ही हिमांशु दूबे के पुत्र शेखर के साथ तय पहले से ही तय हुई थी लेकिन कोरोना के कारण पहले की सभी तैयारियों को छोड़ना पड़ा। लॉक डाउन नियमों का पालन करते हुए नए सिरे से शादी की तैयारी शुरू हुई और इसी तरह शादी हुई भी।
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दैनिक भास्कर,,1733
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