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Saturday, May 9, 2020

एपीएचसी में प्रतिनियुक्त डॉक्टर व कर्मियों के पास ग्लव्स तक नहीं

सदर प्रखंड अंतर्गत परसरमा स्वास्थ्य उपकेंद्र पर मौजूद स्वास्थ्य टीम के पास अपनी ही सुरक्षा के लिए समुचित संसाधन उपलब्ध नहीं है। स्वास्थ्य उपकेंद्र पहुंचे तो मौजूद डॉ अशोक कुमार वर्णवाल एवं स्वास्थ्य कर्मी बिना ग्लब्स और मास्क के मौजूद थे। जबकि कोविड 19 के जांच के लिए सबसे महत्वपूर्ण संसाधन पीपीई किट एवं थर्मल टेंपरेचर मशीन भी मौजूद नहीं था।
जहां डॉ अशोक कुमार वर्णवाल ने कहा कि विभाग के द्वारा 23 मार्च से हमलोगों को यहां पर प्रतिनियुक्त किया गया है। लेकिन जांच के लिए किसी भी प्रकार का कोई भी संसाधन विभाग की ओर से अभी तक उपलब्ध नहीं कराया गया है। वहीं उन्होंने कहा कि जब आसपास के क्षेत्र एवं जिले की सीमा पर कोई प्रवासी मजदूर आते हैं। सूचना पर हमलोग पहुंचकर शारीरिक दूरी बनाकर उनके हाव भाव एवं उनको होने वाली कठिनाई के बारे में जानकारी लेते हैं। अगर उसी में कोई संदिग्ध दिखाई पड़ता है अथवा सदेह होता है तो इसकी जानकारी वरीय अधिकारी को दी जाती है। जिसके बाद मेडिकल टीम आती है। जो संदिग्ध का जांच करती है।
शौचालय के नही लगता है कुंडी, महिला स्वास्थ्य कर्मी व अधिकारी
स्वास्थ्य उपकेंद्र परसरमा में बने शौचालय की स्थिति काफी खराब है। शौचालय में दरवाजे नहीं लगने के कारण स्वास्थ्य कर्मी काफी परेशान रहते हैं। हालांकि पुरुष स्वास्थ्य कर्मी ग्रामीणों के सहयोग से अपनी समस्या का समाधान कर लेते हैं। लेकिन महिला स्वास्थ्य कर्मियों को काफी परेशानी हो रही है। ऐसे में कोरोना जैसे वैश्विक महामारी को हराने के लिए जहां महिला स्वास्थ्य कर्मी अपनी जान की बाजी लगाकर लगातार ड्यूटी पर रहते हैं। वहीं महिला स्वास्थ्य कर्मी को समुचित सुविधा देने को लेकर स्वास्थ्य विभाग गंभीर दिखाई नही दे रहा है। ऐसे में कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रही महिला स्वास्थ्य कर्मी खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है।
खाने-पीने और रहने का भी नहीं है उचित प्रबंध
कोरोना महामारी के लिए तैनात स्वास्थ्य कर्मी के लिए खाने-पीने एवं रहने की समुचित व्यवस्था भी नहीं है। यही कारण है कि नवनिर्मित स्वास्थ्य उपकेंद्र परसरमा में जमीन पर ही त्रिपाल बिछाकर अधिकारी एवं स्वास्थ्य कर्मी रहते हैं। बताते हैं कि घर से ही खाना लेकर आते हैं।

आयरनयुक्त पानी से प्यास बुझा रहे कर्मचारी
स्वास्थ्य केंद्र में पाइप लाइन का काम कर दिया गया है। लेकिन शुद्ध पेयजल के लिए किसी भी प्रकार की कोई प्रबंध नहीं किया गया है। ऐसे में स्वास्थ्य उपकेंद्र पर प्रतिनियुक्त अधिकारी एवं स्वास्थ्य कर्मी केंद्र में लगे चापाकल के आयरनयुक्त पानी से अपनी प्यास बुझा रहे हैं।


नहीं है किसी तरह की कमी| जितने भी स्वास्थ्य कर्मी हैं, सभी को गलब्स, मास्क सहित अन्य सभी संसाधन उपलब्ध कराया गया है।
- डॉ कृष्ण मोहन प्रसाद, सिविल सर्जन, सुपौल



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परसरमा सीमा पर संदिग्ध की जांच करते डॉक्टर व अन्य।
बेकार पड़ा पेयजल के लिए लगा चापाकल।

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दैनिक भास्कर,,1733

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