केंद्र सरकार ने शनिवार रात काे अनलाॅक-4 की गाइडलाइंस जारी कर दीं। 1 सितंबर से लागू हाेने वाली नई गाइडलाइंस के तहत स्कूल, कॉलेज और काेचिंग इंस्टीट्यूट 30 सितंबर तक बंद ही रहेंगे। ट्रेनें फिर शुरू हाेने काे लेकर भी काेई निर्देश जारी नहीं हुआ है। गतिविधियां अलग-अलग तारीखाें से शुरू हाेंगी। ज्यादातर गतिविधियां आधे से ज्यादा महीना बीत जाने के बाद 21 सितंबर से शुरू हाेंगी। कंटेनमेंट जाेन में 30 सितंबर तक सख्त लाॅकडाउन जारी रहेगा।
गाइडलाइंस में सबसे बड़ी पहल सामाजिक, सांस्कृतिक, मनाेरंजक, धार्मिक, खेल और सियासी आयोजनों काे लेकर की गई है। ऐसे सभी समारोह 21 सितंबर से अधिकतम 100 लाेगाें की शर्त के साथ ही हाे सकेंगे। शादी और अंतिम संस्कार में भी 100-100 लाेग शामिल हाे सकेंगे। 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग, बीमार, गर्भवती महिलाएं और 10 साल से छाेटे बच्चाें काे घर पर ही रहना हाेगा। ये स्वास्थ्य संबंधी कारणों से ही घर से निकल सकेंगे।
शिक्षा - 9 से 12वीं तक के बच्चे टीचर से निर्देश लेने स्कूल जा सकेंगे
- स्कूल, काॅलेज, काेचिंग इंस्टीट्यूट 30 सितंबर तक बंद ही रहेंगे।
- ऑनलाइन/दूरस्थ शिक्षा पहले की तरह जारी रखी जा सकेगी।
- कंटेनमेंट जाेन के बाहर के स्कूल 50% टीचिंग-नॉनटीचिंग स्टाफ काे बुला सकेंगे। इसके लिए बाद में अलग से एसओपी जारी हाेगा।
- 9 से 12वीं कक्षा तक के बच्चे अभिभावकों की लिखित अनुमति लेकर स्कूल में टीचर से निर्देश लेने जा सकेंगे। यह स्वैच्छिक हाेगा।
- नेशनल स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और आईटीआई में ट्रेनिंग हाे सकेगी।
- पीएचडी, टेक्निकल और प्राेफेशनल पाेस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट लैबाेरेटरी से जुड़े कामों के लिए काॅलेज-यूनिवर्सिटी में जा सकेंगे।
समाराेह - सांस्कृतिक, खेल, मनाेरंजक कार्यक्रम भी हाे सकेंगे
- आयोजन स्थल पर मास्क, डिस्टेंसिंग, थर्मल स्कैनिंग, हाथ धाेने और सैनिटाइजर की व्यवस्था अनिवार्य रूप से करनी हाेगी।
- शादी या अंतिम संस्कार में 21 सितंबर के बाद 100 लाेग शामिल हाे सकेंगे। 20 सितंबर तक पहले की तरह क्रमश: 50 और 20 लाेग ही शामिल हाे सकेंगे।
- स्वीमिंग पूल, मनाेरंजन पार्क और थिएटर भी 30 सितंबर तक बंद रहेंगे। लेकिन, ओपन एयर थिएटर शुरू हाे सकेंगे।
परिवहन - मेट्राे ट्रेन चलेंगी, दूसरे राज्य जाने काे ई-पास जरूरी नहीं
- मेट्रो सेवा शुरू होगी, यात्री ट्रेनें, घरेलू यात्री विमान, वंदे भारत मिशन के तहत चल रहीं उड़ानें पहले की तरह चलती रहेंगी।
- एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए अनुमति या ई-पास की आवश्यकता नहीं रहेगी।
- राज्य सरकारें कंटेनमेंट जाेन के बाहर केंद्र की सलाह के बिना लाॅकडाउन नहीं लगा सकेंगी। केंद्र को अंदेशा था कि नीट-जेईई टालने की मांग कर रहे राज्य लॉकडाउन लगा सकते हैं।
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दैनिक भास्कर,,1733
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