नगर निगम ने होल्डिंग टैक्स चोरी करने वालों की नकेल कसने की तैयारी कर ली है। निगम प्रशासन ने सभी बड़ी संपत्तियों की भौतिक जांच कराने का निर्देश दिया है। नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इसमें संबंधित अंचल के राजस्व पदाधिकारी, नगर निगम की पीएमआरयू टीम और स्पैरो सॉफ्टेक प्राइवेट लिमिटेड के संबंधित अंचल के टीम लीडर को शामिल किया गया है।
टीम काे 20 हजार वर्गफीट से अधिक क्षेत्रफल वाली संपत्तियों की जांच करने का निर्देश दिया है। स्पैरो सॉफ्टेक को निर्देश दिया गया है कि जांच के दो दिन के भीतर अगर किसी संपत्ति के होल्डिंग टैक्स निर्धारण में किसी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाती है, तो उन्हें नोटिस जारी किया जाए।
67 की जांच में 33 में मिली थी गड़बड़ी
दरअसल वर्ष 2019-20 में 67 बड़ी संपत्तियों की सूची तैयार की गई थी। माना गया था कि इनके होल्डिंग टैक्स का निर्धारण सही प्रकार से नहीं किया गया है। जांच के बाद चौंकाने वाले नतीजे सामने आए। 33 संपत्तियों के करदाता की ओर से घोषित संपत्ति के क्षेत्रफल में विचलन पाया गया। इसको देखते हुए जांच कराने का निर्णय लिया गया है। बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 और बिहार नगरपालिका संपत्ति कर निर्धारण, संग्रहण व वसूली नियमावली 2013 के आधार पर कंपनी ऑनलाइन पोर्टल में डिमांड अपडेट करेगी। निगम प्रशासन इसके जरिए अपनी आय में बढ़ोतरी और होल्डिंग टैक्स की गड़बड़ी को दूर करने की योजना तैयार कर रहा है।
टैक्स रिवीजन अब मुख्यालय स्तर पर ही
इसके साथ ही होल्डिंग टैक्स रिवीजन से संबंधित आवेदनों पर निगम मुख्यालय के स्तर पर ही विचार हाेगा। इस संबंध में सभी अंचलों के कार्यपालक पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है। उन्हें रिवीजन का आवेदन नहीं स्वीकार करने काे कहा गया है। इससे आम लोगों को भी होल्डिंग टैक्स रिवीजन के लिए अंचलों का चक्कर लगाने से मुक्ति मिल जाएगी। मुख्यालय स्तर पर निर्धारित समय सीमा के भीतर टैक्स रिवाइज हो जाएगा।
चल रही सभी योजनाओं की समीक्षा करेगा निगम प्रशासन
नगर निगम ने चल रही तमाम योजनाओं की समीक्षा का निर्णय लिया है। अगर किसी योजना का काम रुका है, तो इसके कारणों को जानने का प्रयास किया जाएगा। योजनाओं की गति को बढ़ाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने इस संबंध में सभी अंचलों के कार्यपालक अभियंता को निर्देश जारी किया है।
मुख्यमंत्री शहरी कच्ची नाली गली पक्कीकरण योजना को छोड़कर तमाम योजनाओं की पूरी विवरणी उपलब्ध कराने काे कहा है। कई स्थानों पर नाला निर्माण व अन्य कार्य चल रहे हैं। इसके अलावा नालों पर बने मैनहोल व कैचपिट के ढक्कन लगाने का कार्य भी इंजीनियरिंग शाखा की ओर से किया जाता है। इन कार्यों को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं।
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दैनिक भास्कर,,1733
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