90 विशेष प्रतिवेदन कांड के बदले 1100 मामले लंबित होना गलत है। पूर्व में दिए गए निर्देश का पालन नहीं हो रहा है। हमने कहा था कि प्रत्येक सप्ताह की रविवार को एक दिन केस डायरी लिखवाने की कार्रवाई एसडीपीओ करेंगे। संबंधित अनुसंधानक को समय से केस के निष्पादन के लिए निर्देश दें। बावजूद इसके मामले लंबित होना गलत है। चुनाव नजदीक है और पुलिसिंग को लेकर केस का अनुसंधान सहित आरोपियों की गिरफ्तारी और कांडों में साक्ष्य जुटाना सुनिश्चित करना होगा। उक्त निर्देश मंगलवार को कलेक्ट्रेट के अम्बेडकर भवन में एसएसपी बाबू राम की ओर से आयोजित क्राइम मीटिंग को संबोधित करते हुए मिथिला क्षेत्र के आईजी अजिताभ कुमार ने थानाध्यक्ष, एसडीपीओ, सर्किल पुलिस इंस्पेक्टर, ओपी अध्यक्षों को दिया।
लंबित कांडों की जवाबदेही अनुसंधान पर तय करें और साथ ही एसएचओ को भी इसकी जवाबदेही देना है। 124 मामले पर्यवेक्षण के लिए लंबित होना गलत है। वहीं, बिरौल एसडीपीओ को भी 151 मामले पर्यवेक्षण के लिए लंबित रहने पर कई निर्देश दिए। आईजी ने चुनाव काे लेकर आईजी ने कार्रवाई तेज गति से करने को कहा है। उन्होंने कहा कि शातिरों का थाना स्तर पर तख्ती लगाएं और मैं कभी भी थाना पर पहुंच कर निरीक्षण कर सकता हूं।
एससी-एसटी से संबंधित मामलों पर गंभीर रहें
एसएसपी बाबू राम ने मीटिंग में कहा कि यूडी कांड लंबित रहना गलत है। एससी-एसटी एक्ट के मामले में दो माह के अन्दर कांड का अनुसंधान पूर्ण कर कार्रवाई सुनिश्चित करें। वहीं, विश्वविद्यालय, एपीएम थाना और बेंता ओपी की पुलिस को थाना व ओपी भवन के लिए प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया है। उन्होंने क्राइम कंट्रोल और केस के निष्पादन को हर हाल में गंभीरता से लेने की हिदायत दी है। मीटिंग में एसडीपीओ अनोज कुमार, एसडीपीओ दिलीप कुमार झा, एसडीपीओ उमेश्वर चौधरी, रक्षित डीएसपी जेएन ठाकुर, मुख्यालय डीएसपी सुधीर कुमार सहित विभिन्न शाखा के प्रभारी और सर्किल पुलिस इंस्पेक्टर आदि भी थे।
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दैनिक भास्कर,,1733
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