Breaking

Post Top Ad

Your Ad Spot

Wednesday, September 9, 2020

जिस ठेकेदार से छीना था काम, नगर आयुक्त ने उस पर बरसाई कृपा, 14 लाख का पार्षद कक्ष बनवाया

नगर निगम प्रशासन का अजब-गजब कारनामा सामने आ रहा है। अफसराें काे दागी ठेकेदार खूब भा रहे हैं। ताजा मामला नगर निगम परिसर में 14 लाख की लागत से बने पार्षद कक्ष से जुड़ा है। पार्षद कक्ष का निर्माण 2018 से शुरू हुआ। लेकिन बार-बार आदेश-निर्देश के बाद भी काम में सुस्ती पर पू्र्व नगर आयुक्त श्याम बिहारी मीणा ने ठेकेदार चंदन कुमार सिंह काे ब्लैकलिस्टेड कर दिया। लेकिन जब उनका तबादला हाे गया और उनकी जगह नई नगर आयुक्त जे प्रियदर्शिनी आईं ताे उसी ठेकेदार काे फिर से पार्षद कक्ष के निर्माण का जिम्मा दे दिया।

अब करीब दाे साल बीत जाने के बाद पार्षद कक्ष का काम पूरा हाे गया। लेकिन अब जबकि ठेकेदार काे भुगतान की बारी आई, ताे पेच फंस गया कि उसे किस आधार पर राशि दी जाए। विभागीय कार्य के आधार पर या पहले के अधूरे कार्य छाेड़ने के नाम पर चेक दें। अब सवाल उठ रहा है कि जिस ठेकेदार पर निगम प्रशासन ने घटिया काम और देरी के आराेप में ब्लैकलिस्ट कर दिया था, अफसर के बदलते ही कैसे वह ठेकेदार बेहतर हाे गया।

पार्षद कक्ष बनाने में देरी और रैन बसेरा का टाइल्स टूटने पर किया गया था ब्लैकलिस्टेड

करीब 14 लाख की लागत से निगम परिसर में पार्षद कक्ष का निर्माण 2018 में शुरू हुआ। 22 दिसंबर 2018 को निगम ने ठेकेदार से एग्रीमेंट किया। फिर काम शुरू हुआ। तीन जनवरी 2019 को इंजीनियर से जांच करवाने के बाद बिल जमा किया। लेकिन भुगतान नहीं हुआ तो काम बंद हो गया। ठेकेदार चंदन कुमार ने नगर आयुक्त श्याम बिहारी मीणा को रैन बसेरा निर्माण में बकाया राशि नहीं देने पर लीगल नोटिस तक भेजा।

इस पर निगम प्रशासन ने पार्षद कक्ष के निर्माण में देरी करने और तातारपुर गाेदाम स्थित रैन बसेरा के उद्घाटन के बाद टाइल्स टूटने की शिकायत पर ब्लैकलिस्टेड कर दिया था। इसके बाद पार्षद कक्ष का काम बंद हाे गया। बाद में उसी ठेकेदार ने नगर आयुक्त जे प्रियदर्शिनी के माैखिक निर्देश पर आधे से ज्यादा काम पूरा कर दिया है।

पहले भी ठेकेदार पर मेहरबान रहे हैं अफसर
खलीफाबाग चौक से स्टेशन चौक तक मास्टिक रोड का शिलान्यास 2017 में हुआ। ठेकेदार किमी आनंद को काम मिला, समय से काम शुरू नहीं हुआ तो पार्षदों ने विरोध किया। ब्लैकलिस्ट करने की मांग उठी। सामान्य बाेर्ड की बैठक में भी निर्णय हुआ। पर ठेकेदार पर काेई कार्रवाई नहीं की गई। बाद में उसी ठेकेदार ने राेड का निर्माण पूरा किया। तर्क दिया गया कि अलकतरा समय से नहीं आ रहा है, इसलिए देर हुई।

इसी ठेकेदार काे 90 लाख की लागत से निगम परिसर में सम्राट अशाेक भवन बनाने का जिम्मा मिला। ग्राउंड और फर्स्ट फ्लाेर का निर्माण पूरा हाे चुका है। पर ठेकेदार काे पूरी राशि नहीं मिली, ताे काम बंद कर दिया। निर्माण पूरा करने के लिए दाेबारा एस्टीमेट बनाने की बात थी, पर अबतक नहीं हुआ है।
आगे से नहीं मिलेगा काम
जिस ठेकेदार ने पार्षद कक्ष का निर्माण किया था, उसने अगर बीच में ही काम बंद कर दिया और उसे ब्लैकलिस्ट भी कर दिए ताे वह दाेबारा उस याेजना काे पूरा कर सकता है। नगर आयुक्त के पास वह आया था, इसलिए उसे काम करने का माैखिक निर्देश दिया गया था। आगे उसे काम नहीं मिलेगा। -सत्येंद्र प्रसाद वर्मा, पीआरओ, निगम



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
The contractor who took away the work, the city commissioner showered mercy on him, made a councilor's room of 14 lakhs

https://ift.tt/3bJ2Fsl
दैनिक भास्कर,,1733

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad

Your Ad Spot