जननी बाल सुरक्षा योजना की प्रोत्साहन राशि की निकासी का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद हुई जांच में जिले के 8 पीएचसी को क्लीन चिट मिल गई है। जबकि आठ की रिपोर्ट आनी बाकी है। मुशहरी पीएचसी में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद जिले के सभी पीएचसी में जांच शुरू की गई थी। इसमें 8 पीएचसी की जांच पूरी हो गई है। इधर, बताया जाता है कि मुशहरी पीएचसी में 3 वर्षों की हो रही जांच में बड़े पैमाने पर फर्जी निकासी का मामला सामने आने के संकेत मिले हैं। हालांकि, जांच रिपोर्ट आने के बाद ही खुलासा हो सकेगा।
बताया जाता है कि वृद्ध और विधवा महिलाओं के नाम पर बड़े पैमाने पर प्रोत्साहन राशि का फर्जीवाड़ा किया गया है। पीएचसी से जुड़ी एक दर्जन पंचायतों में महिलाओं के फर्जी नाम-पता पर ऐसा किया गया है। इसमें सीएसपी संचालक और पीएचसी के लेखापाल व अन्य कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आ रही है। इधर जांच के लिए डीएम द्वारा निर्धारित 2 सप्ताह की समय सीमा समाप्त हो जाने के बाद भी महज आठ पीएचसी की जांच रिपोर्ट ही अभी तक आई है। जिला स्वास्थ्य समिति के प्रबंधक बीपी वर्मा ने बताया कि 8 पीएचसी की रिपोर्ट आई है। सभी को क्लीन चिट दिया गया है।
यह है मामला
मुशहरी पीएचसी में 65 वर्ष की महिला को 13 माह में 8 बार प्रसव दिखा कर जननी बाल सुरक्षा योजना की प्रोत्साहन राशि की निकासी का फर्जीवाड़ा सामने आया था। जिसके बाद डीएम ने सभी प्रखंडों के वरीय प्रभारी व डिप्टी कलेक्टर के नेतृत्व में एक जांच कमेटी गठित की थी। आठ पीएचसी की जांच पूरी हो गई है।
जबकि, आठ की रिपोर्ट अभी तक अप्राप्त बताई जाती है। मामले में मुशहरी के लेखापाल पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। उसे पद से बर्खास्त कर दिया गया है। जबकि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी पर विभागीय कार्रवाई के लिए मुख्यालय को पत्र लिखा है।
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दैनिक भास्कर,,1733
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