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Tuesday, September 1, 2020

शहीद रामफल मंडल की जीवनी पाठ्य पुस्तक में शामिल करने की उठी मांगे

शहीद रामफल मंडल विचार मंच के तत्वावधान में जननायक कर्पूरी ठाकुर अत्यंत पिछड़ा वर्ग छात्रावास के प्रांगण में मंच के संयोजक विनोद बिहारी मंडल की अध्यक्षता में शहादत समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन पूर्व सैनिक अनिल कुमार ने किया।

इस दौरान आजादी की लड़ाई में फांसी को गले लगाने वाले अमर शहीद रामफल मंडल एवं जुब्बा साहनी, जिले के अन्य शहीद प्रदीप सिंह, जानकी सिंह, सहदेव साह, सुखदेव साह, गंभीरा राय, राम बुझावन ठाकुर, भलाई कबाड़ी, सुंदर खतवे, राम लखन गुप्ता, मथुरा मंडल, नन्नू मियां, सुखराम, सुखदेव सिंह, जय मंगल सिंह, नवजाद सिंह, सुखन लोहार, छठु कानू, परसत तेली, बलदेव शूरी, बंगाली नुनिया, बुधन कहार, गूगल धोबी आदि का शहादत दिवस समारोह मनाया गया।

उपस्थित लोगों ने इन अमर शहीदों के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया। कहा कि शहीद कभी भी मरता नहीं है। उसकी कृति उसे अमर बना देता है। उन्होंने जिला के गौरव शहीद रामफल मंडल सहित अन्य शहीदों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि झूठ बोलने को बार-बार कहने पर भी रामफल मंडल ने जज के सामने झूठ नहीं बोला।

इस तरह 23 अगस्त 1943 को भागलपुर सेंट्रल जेल में फांसी को हंसते-हंसते गले लगा लिया। इसी जेल में 11 जनवरी 1944 को जुब्बा साहनी को फांसी दी गयी। उन्होंने शहीद रामफल मंडल की जीवनी पाठ्य पुस्तकों में शामिल करने तथा शैक्षणिक संस्थानों का नाम रामफल मंडल के नाम करने की मांग की।

डुमरा स्टेडियम और नगर उद्यान का नाम शहीद रामफल मंडल के नाम करने की मांग, अधूरे कार्यों को पूरा करने का आह्वान

धीरेंद्र पटेल ने डुमरा स्टेडियम एवं नगर उद्यान का नाम अमर शहीद रामफल मंडल के नाम करने की मांग की। छात्र राजद के पूर्व जिला अध्यक्ष मुकेश यादव ने बथनाहा प्रखंड मुख्यालय में शहीद रामफल मंडल की प्रतिमा लगवाने की घोषणा की।

डॉ. प्रतिमा आनंद ने कहा कि जो देश एवं समाज समाज अपने पूर्वजों एवं महापुरुषों के इतिहास एवं बलिदान को भूल जाता है, वह गुलाम हो जाता है। उन्होंने सभी लोगों से शहीदों के अधूरे काम को पूरा करने का आह्वान किया।

शहीदों का सपना अब भी अधूरा, करना होगा पूरा
मुख्यातिथि संजय मलाकर ने कहा कि जिन उद्देश्यों के लिए देश के लोगों ने अपनी शहादत दी थी, वह अभी भी अधूरा है। उन्होंने रामफल मंडल सहित सभी शहीदों की जीवनी लिखने एवं स्मारक बनाने पर जोर दिया। विशिष्ट अतिथि उमेश चंद्र झा ने कहा कि सभी शहीदों की कहानी को जन-जन तक पहुंचाने एवं आने वाली नई पीढ़ियों को बताने की जरुरत है।

उन्होंने परेड मैदान को शहीद रामफल मंडल परेड ग्राउंड बनाने का मांग की। समारोह को बबलू मंडल, कर्नल सुधीर कुमार सिंह, संजय संघर्ष सिंह, पुनीत बैठा, सहदेव राम, बिंदेश्वर पासवान, प्रो. ललन राय, अशोक निराला, रवि शर्मा, राहुल मंडल, मदन राम, दशरथ ठाकुर, प्रो. शशि भूषण सिंह, नीरज मंडल, निक्कू कुमार, लक्ष्मी राम, राकेश चंद्रवंशी, कृष्ण किशोर यादव, रामप्रवेश सिंह, सुबोध बिहारी, संदीप कुमार, नीतीश मंडल, राम प्रमोद साहनी, प्रेम सहनी, कमरुद्दीन नदाफ, गयासुद्दीन अंसारी, उमेश पासवान, राकेश राम, लक्ष्मी नगर सोसाइटी के मुकेश यादव सहित कई लोगों ने संबोधित किया।



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Argued for inclusion in the biographical text book of Shaheed Ramphal Mandal

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दैनिक भास्कर,,1733

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