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Wednesday, September 9, 2020

सफाई, फॉगिंग और सैनिटाइजेशन, आज से पटना में सब ठप; नगर निगम के आठ हजार कर्मचारियों की आज से हड़ताल

पटना नगर निगम के कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल गुरुवार से शुरू हो रही है। नगर निगम के तीन कर्मचारी संघों को मिलाकर बने पटना नगर निगम संयुक्त कर्मचारी समन्वय समिति ने बुधवार को यह घोषणा की। चतुर्थवर्गीय कर्मचारी संघ ने भी हड़ताल को समर्थन दिया। इससे साफ है कि गुरुवार से नगर निगम के सभी कामकाज ठप होंगे।

नगर निगम प्रशासन की ओर से निजी कर्मियों के जरिए सेनिटेशन व फॉगिंग अभियान चलाने का दावा किया गया है। लेकिन, कर्मचारियों ने साफ कर दिया कि सभी कामकाज ठप हो जाएगा। निगम के कार्यालय से लेकर मुहल्लों की सफाई व्यवस्था तक ठप रहेगी। सभी करीब साढ़े आठ हजार निगम कर्मी हड़ताल पर रहेंगे। समन्वय समिति ने कहा कि इसी साल 3 फरवरी से हुई हड़ताल की तर्ज पर एक बार फिर आंदोलन होगा।

26 अगस्त को ही नगर आयुक्त को 18 सूत्री मांग पत्र समर्पित करते हुए यह स्पष्ट कर दिया गया है कि मांगों की पूर्ति नहीं होने पर 10 सितंबर से सभी आठ हजार कर्मचारी हड़ताल पर जाने को बाध्य होंगे।

आपकी मांगें जायज हो सकती हैं, लेकिन कोरोना काल में हड़ताल संक्रमण के खतरे को कई गुना बढ़ा देगी

  • समिति के नेताओं ने कहा कि नगर विकास विभाग की ओर से 28 जनवरी को लोकायुक्त के आदेश के तहत जो आदेश नगर आयुक्त को जारी किया गया था, उसे वापस लेना होगा।
  • दैनिक मजदूरों का नियमितीकरण, दैनिक मजदूरों का न्यूनतम वेतन 600 से 700 रुपए, निगम के प्रभारी कर्मियों का उसी पद पर समायोजन करें।
  • आउटसोर्स कंपनियों के माध्यम से हो रहे निगम खजाने की लूट बंद हो, आउटसोर्स कर्मियों को श्रम कानूनों के अंतर्गत सभी सुविधाएं मिले, अनुकंपा पर बहाली शीघ्र शुरू हो, सेवानिवृत्ति के समय ही संपूर्ण पावना भुगतान करें।
  • पूर्व से चले आ रहे संपूर्ण बकाए का भुगतान, दैनिक मजदूरों के भविष्य निधि का अपडेट हिसाब, ईएसआई की सुविधा।
  • दैनिक मजदूरों की वरीयता सूची अविलंब प्रकाशित करने और कोविड-19 से संबंधित प्रोत्साहन राशि कम से कम 10,000 रुपए सभी निगम कर्मियों को भुगतान करने की मांग की गई है।

मांगें न मानने से खफा कर्मी: संयुक्त कर्मचारी समन्वय समिति के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सिंह, संयोजक रामयतन प्रसाद व सह-संयोजक मंगल पासवान ने कहा कि 8 फरवरी 2020 को निगम के स्तर पर हुए समझौते का कार्यान्वयन अब तक नहीं किए जा सका है।

नगर विकास विभाग की ओर से बार-बार दैनिक मजदूरों को हटाने का प्रस्ताव जारी किया जाता है। लोकायुक्त के आदेश पर हाइकोर्ट की टिप्पणी के बाद भी निगम कर्मचारियों को धमकाने की कोशिश की जा रही है। इसको लेकर आक्रोश गहराया हुआ है। समय पर वेतन का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है।



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कर्मी-निगम प्रशासन 6 माह बाद फिर आमने-सामने

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दैनिक भास्कर,,1733

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