खेती की नयी तकनीक ही किसानों को समृद्धि की बुलंदियों पर पहुंचा सकती है। इसलिए यह जरुरी है कि परंपरागत खेती करने वाले हर किसानों को खेती की नयी तकनीकों की जानकारी दें। इसके लिए नियमित रुप से किसानों को प्रशिक्षण दें तथा खेती के प्रति आकर्षण के लिए जागरूक भी करें।
उक्त बातें इंडियन काउन्सिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च, अतरी के निदेशक अंजनी कुमार सिंह सोमवार को जिला मुख्यालय स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में वैज्ञानिकों के 13वीं सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। बैठक की अध्यक्षता संयुक्त रुप से डॉ. सिंह तथा बिहार कृषि विवि सबौर के सह निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. राजनारायण सिंह ने की। डॉ. सिंह ने कहा कि वैज्ञानिक तरीके से खेती कर ही किसान मौसम की मार से बच सकते हैं। इसलिए ऐसी योजनाओं पर विचार होना चाहिए जो मौसम के साथ-साथ किसानों की आर्थिक हालत को ध्यान में रखकर बनाई गई है। बैठक में मौजूद मंडण भारती कृषि महाविद्यालय, अगवानपुर, सहरसा के प्राचार्य सह क्षेत्रीय समन्वयक डॉ. उमेश सिंह, कोसी प्रमंडल के संयुक्त कृषि निदेशक यदुनंदन प्रसाद यादव, वरयी वैज्ञानिक डॉ. मिथिलेश कुमार राय, सहायक उद्यान निदेशक किरण भारती, सहायक निदेशक पौधा संरक्षण राजीव कुमारा तांती, डॉ. आरपी शर्मा, डॉ. एमके शर्मा, पशुपालन वैज्ञानिक डॉ. सुनील कुमार, उद्यान वैज्ञानिक डॉ. राहुल कुमार वर्मा ने अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम का प्रारंभ केंद्र के वरीय वैज्ञानिक व प्रधान डॉ. विपुल कुमार मंडल ने मुख्य अतिथियों को पुष्प गुच्छ देकर तथा अंगवस्त्रम प्रदान कर किया। इसके बाद उन्होंने केंद्र की उपलब्धि की जानकारी देते हुए गत वर्ष की 12वीं बैठक को संपुष्ट कराया। सभी अतिथियों ने केंद्र की गतिविधियों की सराहना की तथा जजवा को बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। बैठक में जिले के प्रगतिशील किसान प्रो. शंभू शरण भारतीय, संजीव कुमार, चंदन झा समेत अन्य किसानों ने भाग लिया तथा समस्याओं से अवगत कराया। वैज्ञानिकों ने कहा कि किसानों की समस्याओंं के निदान को हर हाल में प्राथमिकता दिया जाना चाहिए।
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दैनिक भास्कर,,1733
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