सांसद और अभिनेत्री जया बच्चन ने मंगलवार को राज्यसभा में बॉलीवुड का बचाव करते हुए कहा कि कुछ लोगों की वजह से पूरी इंडस्ट्री की छवि को धूमिल नहीं किया जा सकता। उनके इस बयान पर बॉलीवुड दो धड़ों में बंटता नजर आ रहा है। एक तरफ जहां कंगना रनोट, रवि किशन और उनके समर्थक हैं, तो वहीं दूसरी तरफ जया बच्चन को कई बड़े सेलेब्स के अलावा संजय खान और गुलशन देवैया जैसे कलाकारों का समर्थन मिला है।
जया बच्चन के दौर के एक्टर संजय खान ने कहा, 'जया बच्चन जी ने संसद में जो कहा है वह सही है। इस संस्था के योगदान को और समझना चाहिए, जिसे हम बॉलीवुड के नाम से पुकारते हैं। यह भारत की सुपर सॉफ्ट पावर है। बॉलीवुड ने देश को लेकर सम्मान, प्यार और जुड़ाव बढ़ाने के मामले में एक राजदूत की तरह काम किया है।'
बेरोजगार लोग दिखाएं जिम्मेदारी
आगे उन्होंने कहा, 'इंडस्ट्री के बेरोजगार और महत्वहीन तत्वों को जिम्मेदारी दिखानी चाहिए, ना कि इस प्यारे परिवार के बारे में बदजुबानी करनी चाहिए, जिससे वे अपनी रोटी कमाते हैं। मीडिया को फिल्म उद्योग के प्रति सम्मान दिखाना चाहिए और तथ्यों को सनसनीखेज बनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। मैं जया जी को उनके स्टैंड के लिए बधाई देता हूं।'
देवैया बोले- हमें यह अपमान स्वीकार्य नहीं
गुलशन देवैया ने जया बच्चन के समर्थन में कहा, 'जब लोग इस तरह की चीजों में बॉलीवुड का नाम लेते हैं तो मैं अपमानित महसूस करता हूं। मुझे पता है कि मुझे इसे दिल पर नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यह मेरे लिए नहीं है, लेकिन यह घृणा अनावश्यक और असंवेदनशील है। मेरे और मेरे जैसे हजारों कड़ी मेहनत करने वाले ईमानदार लोग यहां हैं। फिर भी ऐसा लगता है कि हमारे लिए कोई सहानुभूति नहीं बची है। हमें देशद्रोही से लेकर राष्ट्रद्रोही तक कहा गया है। ये हमें स्वीकार्य नहीं है।'
राजू श्रीवास्तव बोले- ड्रग सिंडिकेट की जांच हो
उधर, रविकिशन के सपोर्ट में इंडस्ट्री से फिल्ममेकर विवेक रंजन अग्निहोत्री और राजू श्रीवास्तव सामने आए हैं। राजू श्रीवास्तव ने एक वीडियो जारी कर रविकिशन का समर्थन किया और सरकार से अपील की कि ड्रग्स सिंडिकेट की जांच होनी चाहिए। सफाई होनी चाहिए।
अग्निहोत्री ने कहा- थाली चंद लोगों के पास
विवेक रंजन अग्निहोत्री ने जया के 'जिस थाली खाते हैं उसी में छेद करने' वाली बात को लेकर अपने ट्वीट में लिखा, 'पहली बात, थाली चाँदी की है। दूसरी बात, थाली सिर्फ़ चंद लोगों के पास है।। थाली जिनके पास है वो राजा लोग हैं या उनके युवराज। बाक़ी सब रंक। जब रंक के पास थाली ही नहीं तो वो उसमें छेद कैसे करेंगे? अब थाली में छेद नहीं, थाली बदलने का वक्त आया है। इसीलिए इतनी घबराहट, शायद।'
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दैनिक भास्कर,,1733
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