नोखा नगर पंचायत इतिहास बनाने में अहम योगदान रखता है। इसका परिणाम भी नगर पंचायत के उपमुख्य पार्षद के चुनाव में देखने को मिला। अब तक सबों ने सुना होगा कि नगर पंचायत के चुनाव में सत्ता पक्ष के ही उपमुख्य पार्षद की कुर्सी पर बैठते हैं, लेकिन नोखा नगर पंचायत ने 10 सितम्बर को इस इतिहास को ही पलट कर रख दिया। नोखा नप के उपमुख्य पार्षद के चुनाव में लगातार विपक्ष की भूमिका निभा रहे वार्ड 15 के पार्षद राजेन्द्र सिंह इस बार उपमुख्य पार्षद के चुनाव में इस कुर्सी को काबिज करने में कामयाब रहे। अमूमन अगर गौर किया जाए तो यह देखा गया है सभी जगह मुख्य पार्षद के पक्ष के ही उपमुख्य पार्षद की कुर्सी पर काबिज रहते हैं।
लेकिन यह नगर की राजनीति में सबसे बड़ा उलट फेर माना जा रहा है। नगर इस बार विपक्ष में उपमुख्य पार्षद की कुर्सी जाने के बाद चर्चा का विषय बन गया है। लोग इसे सुन कर अचंभित मान रहे है। बहरहाल इस बार नगर में बहुत सा उलट फेर चुनाव के वक्त से चल रहा है। दो बार की मुख्य पार्षद रही शोभा देवी को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा तो जिस प्रत्याशी ने चुनाव हरा पार्षद बनी पम्मी वर्मा ने वह ढाई साल बाद पम्मी वर्मा ने उस कुर्सी को काबिज कर लिया।वार्ड न 9 के पार्षद हमेशा की तरह मुख्य पार्षद पद पर काबिज रहने का इतिहास बनाया।
मुख्य पार्षद को सरकार चलाने में हो सकती है परेशानी
नप की राजनीतिक परिदृश्य पूरी तरह बदल चुकी है। क्योंकि उपमुख्य पार्षद चुनाव में सत्ता पक्ष के प्रत्याशी को एक वोट से हारने के बाद विपक्ष में यह कुर्सी जाने के बाद कई समस्या उत्पन्न होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। वैसे सभी जन प्रतिनिधि मिलजुल कार्य करने की बात तो कर रहे हैं। लेकिन देखना है बचे समय में नोखा नगर पंचायत में क्या विकास हो पाता है।
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दैनिक भास्कर,,1733
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