(माे. सिकन्दर) ये न केवल अपराधियाें पर काल बनकर टूटते हैं, बल्कि लाचार लाेगाें की मदद के लिए हाथ भी बढ़ाते हैं। ये बीएमपी वन यानी गाेरखा बटालियन के जवान हैं। वीवीअाईपी की सुरक्षा और विधि व्यवस्था संभालने की अपनी जिम्मेदारी के साथ ही समाजसेवा भी करते हैं। गरीब लड़कियाें की शादी कराते हैं। गरीब मरीजाें का इलाज कराते हैं।
इसके लिए गाेरखा समाजसेवा समिति बना रखी है। करीब 100 लाेग इस समिति से जुड़े हैं, जिनमें कई डाॅक्टर, इंजीनियर व दूसरे पेशे के लाेग भी हैं। ये आपस में चंदा कर गरीबाें की मदद करते हैं। मदद करने में किसी की जाति, धर्म, समुदाय आदि नहीं देखा जाता है। अभी तक पांच बच्चियाें का शादी करा चुके हैं। करीब 20 मरीजाें का इलाज करा चुके हैं। लावारिस शवाें का संस्कार भी समिति कराती है।
सामाजिक कुरीतियाें के खिलाफ अभियान भी
यह समिति सामाजिक कुरीतियाें बाल-विवाह, दहेजप्रथा, ह्यूमन ट्रैफिकिंग, बालश्रम, नशा के खिलाफ भी जगह-जगह कैंप लगाकर लाेगाें काे जागरूक करती है। छह माह पहले ही नेपाल की कुछ लड़कियाें काे दलालाें ने देह व्यापार के धंधे में उतार दिया था। उनके साथ अमानवीय व्यवहार हाे रहा था। समिति काे जानकारी मिली ताे सबाें काे राजगीर से मुक्त कराकर लाया गया। उन्हें उनके घर भेजा गया।
5 साल पहले बनाई समिति
5 साल पहले इस बटालियन के जवान विवेक ठकुरी ने समिति बनाई थी। तीन साल पहले इसका रजिस्ट्रेशन कराया। सूरज थापा इस समिति के अध्यक्ष और राजू परियार सचिव हैं। 11 जवान एक्टिव सदस्य हैं, जिनमें याेगेष्ठ श्रेष्ठ व समाज सेवी माेहन कुमार भी हैं। इसका कार्यालय चितकाेहरा पुल के नीचे पाेलाे राेड में है। विवेक ठकुरी व सूरज थापा ने बताया कि हम बाहर से चंदा नहीं लेते हैं। हाल में आरा में एक लड़की की शादी कराई। बारात के खर्च के साथ लड़की काे जेवर के अलावा अन्य सामान दिया।
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दैनिक भास्कर,,1733
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