तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने लगातार तीसरे दिन हरियाणा में टोल वसूली नहीं होने दी। तीन में टोल प्लाजा को करीब 12.83 करोड़ का नुकसान हो चुका है। सबसे ज्यादा नुकसान केएमपी-केजीपी के टोल पर 3 करोड़ और करनाल के बसताड़ा टोल को 2 करोड़ का नुकसान हुआ है।
किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने ऐलान किया है कि जब तक किसानों की मांगें सरकार नहीं मान लेती, तब तक हरियाणा में किसी भी टोल प्लाजा पर टोल वसूली नहीं होने देंगे। इसके बाद किसानों ने टोल प्लाजा के पास टेंट लगाने शुरू कर दिए हैं। वहीं, पीएम मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान किसानों ने आंदोलन स्थलों और टोल प्लाजा पर थाली व ताली बजाकर विरोध जताया।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि ये बस सरकार के लिए संकेत हैं कि वह जल्द सुधर जाए। 29 दिसंबर को हम सरकार के साथ मुलाकात करेंगे। इस बीच, आंदोलन में शामिल सीनियर एडवोकेट अमरजीत सिंह राय ने आत्महत्या कर ली। वे पंजाब के फाजिल्का जिले के जलालाबाद के थे।
उन्हाेंने टिकरी बॉर्डर पर चल रहे प्रदर्शनस्थल से 5 किलोमीटर दूर जाकर जहर खा लिया। उनके पास से सुसाइड नोट भी मिला है। इसमेंे उन्होंने पीएम मोदी को तानाशाह बताया है। वे आंदोलन में सुसाइड करने वाले दूसरे किसान हैं। अमरजीत सिंह का एक बेटा और एक बेटी है। वहीं, 25 दिसंबर से अस्पताल में भर्ती रोहतक के जिंदराण के किसान सतबीर राठी के दिमाग की नस फटने से मौत हो गई। अब तक आंदोलन में 26 किसानों की जान जा चुकी है।
सुसाइड नोट में लिखा-काले कानूनों से ठगा महसूस कर रहे
प्रधानमंत्री के रूप में आम लोगों ने अपनी स्वतंत्रता को बचाने व समृद्ध करने के लिए आपसे उम्मीद की। लेकिन बड़े दुःख और पीड़ा के साथ कहना पड़ रहा है कि आप अंबानी और अडानी जैसे विशेष समूह के प्रधानमंत्री बन गए हैं। किसान और मजदूर जैसे आम लोग आपके तीन काले कृषि बिलों से खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। लोग आजीविका बचाने के लिए सड़कों पर हैं।
केजरीवाल बोले- किसानों को राष्ट्रद्रोही कहा जा रहा
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल रविवार शाम कुंडली बॉर्डर पर बने गुरु तेग बहादुर मेमोरियल में शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले कीर्तन पाठ में हिस्सा लेने पहुंचे। केजरीवाल ने कहा कि कड़ाके की ठंड में किसान भाई, माताएं, बच्चे 3 दिनों से खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं। जैसे अन्ना आंदोलन में हमें बदनाम करते थे, वैसे ही आज किसान को राष्ट्रदोही कहा जा रहा है।
कोई मां का लाल किसानों की जमीन नहीं छीन सकता
^ दुष्प्रचार किया जा रहा है कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के जरिए किसानों की जमीन छीन ली जाएगी। कोई मां का लाल किसानों की जमीन नहीं छीन सकता। किसानों से करार फसल का होगा, जमीन का नहीं। इसके बावजूद किसान उपज जहां चाहें बेचने के लिए आजाद होंगे। एमएसपी खत्म करने का इस सरकार का न कभी इरादा था, न है और न रहेगा। मंडी व्यवस्था भी कायम रहेगी।’ -राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री
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दैनिक भास्कर,,1733
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