पटना हाईकोर्ट में मुकदमों की जल्द सुनवाई या निपटारे की स्थिति में सुधार की उम्मीद 2020 में भी पूरी नहीं हो सकी। कोर्ट में 53 के स्थान पर केवल 22 जज हैं। जबकि लंबित मुकदमों की संख्या बढ़कर 1.60 लाख के पार पहुंच चुकी है। 1 फरवरी 2021 को सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस हेमंत कुमार श्रीवास्तव भी रिटायर हो जाएंगे। तब 21 जज ही रह जाएंगे।
चीफ जस्टिस संजय करोल को यहां आए एक साल से अधिक हो चुके हैं। जजों के रिक्त पदों की संख्या 31 हो चुकी है। चीफ जस्टिस, दो वरिष्ठ जजों की कोलेजियम को ही वकील कोटे और न्यायिक सेवा कोटे से जज नियुक्त करने के लिए अभी तक हाईकोर्ट कोलेजियम ने किसी का नाम नहीं भेजा है। पूर्व के चीफ जस्टिस एपी शाही की अध्यक्षता वाली कोलेजियम ने जिन नामों की अनुशंसा की, उसे सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने स्वीकार नहीं किया और नामों को लौटा दिया।
मौजूदा समय में चीफ जस्टिस संजय करोल, जस्टिस हेमंत कुमार श्रीवास्तव और जस्टिस शिवाजी पांडेय की कोलेजियम को जज की नियुक्ति के लिए नामों की अनुशंसा करनी है। लेकिन 1 फरवरी से स्थिति बदल जाएगी। क्योंकि 1 फरवरी को जस्टिस हेमंत कुमार श्रीवास्तव के रिटायर होने के साथ ही कोलेजियम में जस्टिस अश्वनी कुमार सिंह शामिल हो जाएंगे।
कोरोना काल में सुनवाई धीमी
जजों की लगातार घटती संख्या के साथ ही मुकदमों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। पिछले 9 महीने से फिजिकल कोर्ट में सुनवाई नहीं हो रही है। वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग से जो सुनवाई हो रही है उसकी रफ्तार काफी धीमी है। इंटरनेट की समस्या को लेकर भी सुनवाई में दिक्कतें आती हैं। वकीलों को उम्मीद थी कि जजों की संख्या बढ़ाने के लिए पहल होगी। लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद पटना हाईकोर्ट में ही वकील रहे हैं। इसके चलते उनसे वकीलों को ऐसे तमाम मामलों में बड़ी अपेक्षा रही है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
https://ift.tt/3hgNn0T
दैनिक भास्कर,,1733
No comments:
Post a Comment