दिल्ली के लुटियंस जोन में सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास प्रोजेक्ट में सांसदों के कार्यालय (सांसद चैंबर) बनाने के लिए श्रम शक्ति भवन और परिवहन भवन को गिराया जाएगा। महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का मास्टर प्लान तैयार करने वाले एचसीपी डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्रा. लि. के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
अधिकारी ने बताया कि इन दोनों भवनों में अलग-अलग मंत्रालयों के जो कार्यालय हैं, उन्हें अस्थायी रूप से अन्यत्र ले जाया जा रहा है। इसके लिए सरकार ने गोल मार्केट, केजी मार्ग, अफ्रीका एवेन्यू के नजदीक और तालकटोरा स्टेडियम के निकट कुछ स्थानों को चिह्नित किया है। इमारतों को गिराने का काम चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा, ताकि मंत्रालयों के कामकाज में दिक्कत न हो।
सांसदों के कार्यालयों को नई संसद से जोड़ने के लिए सुरंग भी बनेगी। नए संसद भवन में समितियों के छह कमरे होंगे। इसमें लोकसभा के 888 तथा राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर को नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी।
दरअसल, नई संसद के निर्माण का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। लेकिन केंद्र ने कहा था कि संबंधित याचिकाओं पर जब तक सुप्रीम कोर्ट फैसला नहीं दे देती, तब तक किसी भी तरह का निर्माण या तोड़-फोड़ नहीं की जाएगी। इसके बाद कोर्ट ने आधारशिला रखने की इजाजत दी थी।
मंत्रालयों का साझा केंद्रीय सचिवालय बनाने के लिए शास्त्री भवन, उद्योग भवन, निर्माण भवन, कृषि भवन सहित कई अन्य इमारतें भी गिराई जाएंगी। सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास प्रोजेक्ट में सीपीडब्ल्यूडी (केंद्रीय लोकनिर्माण विभाग) के हालिया प्रस्ताव के मुताबिक प्रधानमंत्री के नए आवासीय कॉम्प्लेक्स में चार मंजिला 10 इमारतें होंगी। प्रधानमंत्री के नए आवास को 15 एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा।
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दैनिक भास्कर,,1733
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