प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के शताब्दी वर्ष कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। 35 मिनट के भाषण के दौरान पीएम ने कहा- ‘एएमयू मिनी इंडिया है। यहां कुरान और गीता के साथ कई ग्रंथ भी हैं।’ उन्होंने कहा- ‘हम किस मजहब में पले-बढ़े, इससे बड़ी बात यह है कि कैसे हम देश की आकांक्षाओं से जुड़ें।
एएमयू से तालीम लेकर निकले लोग दुनिया के सैकड़ों देशों में छाए हैं। यहां से पढ़े लोग दुनिया में कहीं भी हों, भारत की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं। आज पूरी दुनिया की नजर भारत पर है। जिस सदी को भारत की बताया जा रहा है।
उस लक्ष्य की तरफ भारत कैसे आगे बढ़ता है, इसे लेकर सब उत्सुक हैं। इसलिए हम सबका एकनिष्ठ लक्ष्य ये होना चाहिए कि भारत को आत्मनिर्भर कैसे बनाएं।’ इस भाषण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसे दूसरे पीएम बन गए हैं, जिन्होंने एएमयू में भाषण दिया।
भाषण की अहम बातें
- शिक्षा सभी तक बराबरी से पहुंचे, हम इसी के लिए काम कर रहे हैं।
- लोगों में वैचारिक मतभेद होते हैं, लेकिन जब बात देश की हो तो सब किनारे रख देना चाहिए।
- पॉलिटिक्स-सोसाइटी इंतजार कर सकती है, पर डेवलपमेंट इंतजार नहीं कर सकता।
- देश में मुस्लिम बेटियों का ड्रॉपआउट रेट 70% से घटकर 30% रह गया।
- एएमयू कई विभागों, लाखों स्टूडेंट्स के बीच मिनी इंडिया नजर आता है। यहां कुरान के साथ गीता समेत कई ग्रंथ भी हैं।
- एएमयू में उर्दू, अरबी और फारसी भाषा पर जो रिसर्च होती है, वो भारत की संस्कृति को नई ऊर्जा देती है।
- समाज का विकास जरूरी है। हम उस राह पर बढ़ रहे हैं कि कोई मजहब की वजह से पीछे न छूटे। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास इसका मूलमंत्र है।
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दैनिक भास्कर,,1733
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