जिला के आधा दर्जन विभागाें से दाे हजार कराेड़ से अधिक रुपए लूटनेवाली सृजन महिला विकास सहयाेग समिति अब तक भंग नहीं हाे सकी है। सृजन घाेटाला उजागर हुए तीन साल से अधिक समय बीत गए हैं। इसके बाद भी इस दिशा में अब तक काेई ठाेस पहल नहीं की जा सकी है। यह समिति सहकारिता विभाग के अधीन है।
जिला सहकारिता पदाधिकारी वीडियाे कांफ्रेंसिंग से लेकर बैठक तक में प्रधान सचिव से समिति भंग करने का अनुराेध कर चुके हैं। सबाैर में सृजन महिला विकास सहयाेग समिति के कार्यालय में उपलब्ध दस्तावेजाें की सुरक्षा की जिम्मेदारी वहां नियुक्त प्रशासक की है। समिति भंग नहीं हाेने की वजह से प्रशासक के कार्यकाल का बार-बार एक्सटेंशन किया जा रहा है।
इससे जिलास्तरीय पदाधिकारियाें की परेशानी बढ़ती जा रही है। अब इसके लिए जिला सहकारिता पदाधिकारी माे. जैनुल आबदीन अंसारी खुद काे-ऑपरेटिव के रजिस्ट्रार से मिलेंगे और समिति भंग करने का अनुराेध करेंगे। इसके साथ ही सप्ताहभर के अंदर विभाग काे प्रस्ताव भेजने की भी तैयारी चल रही है। इसमें बताया जाएगा कि समिति काे भंग करना ही उचित है।
कारण यह है कि समिति के संचालन के लिए चुनाव कराना हाेगा और इसके बाद बननेवाली नई समिति दस्तावेजाें के साथ छेड़छाड़ कर सकती है, ऐसे में समिति काे भंग कर दस्तावेज काे जब्त करना ही ज्यादा उचित है। जिला सहकारिता पदाधिकारी माे. जैनुल आबदीन अंसारी ने बताया कि विभाग काे सप्ताहभर के अंदर सृजन महिला विकास सहयाेग समिति काे भंग करने का प्रस्ताव भेज दिया जाएगा।
काे-ऑपरेटिव बैंक ने 100 कराेड़ रुपए की वसूली के लिए बैंक ऑफ बड़ाैदा और इंडियन बैंक पर हाईकाेर्ट में किया है केस, जनवरी में हो सकती है सुनवाई
काे-ऑपरेटिव बैंक से सृजन घाेटाले में 48 कराेड़ रुपए की हेराफेरी की गई है। इसकी वसूली की कार्रवाई शुरू की गई है। बैंक ऑफ बड़ाैदा और इंडियन बैंक के खाते से राशि सृजन महिला विकास सहयाेग समिति के खाते में ट्रांसफर की गई थी। काे-ऑपरेटिव बैंक ने हाईकाेर्ट में 100 कराेड़ से अधिक रुपए की हेराफेरी काे लेकर दाेनाें बैंकाें पर केस किया है।
इस मामले में जनवरी में सुनवाई शुरू हाेने की संभावना है। काेर्ट से राशि वसूली के लिए जैसा आदेश हाेगा, वैसी पहल की जाएगी। बता दें कि ज्यादातर विभागाें ने मनी सूट या सर्टिफिकेट केस दायर किया है। जबकि काे-ऑरपेटिव बैंक ने सिर्फ हाईकाेर्ट में केस किया है। जानकारी के मुताबिक सृजन घोटाला में सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के दो खातों से 48 करोड़ रुपए की अवैध निकासी हुई है।
इसको लेकर को-आपरेटिव बैंक ने ब्याज सहित एक अरब 16 करोड़ का दावा दो बैंकों पर ठाेका है। इसकी वापसी के लिए ही हाईकाेर्ट में केस किया गया है। बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक से क्रमश: 30 करोड़ और 18 करोड़ की अवैध निकासी की गई है। को-ऑपरेटिव बैंक से अवैध निकासी की सीबीआई जांच भी चल रही है।
89 कराेड़ की वसूली काे डीआरडीए के सर्टिफिकेट केस की सुनवाई आज
सृजन घाेटाला में डीआरडीए से 89 कराेड़ रुपए की हेराफेरी हुई है। इस मामले में बैंक ऑफ बड़ाैदा और इंडियन बैंक पर दर्ज सर्टिफिकेट केस की सुनवाई साेमवार काे सर्टिफिकेट अफसर सह डीडीसी सुनील कुमार करेंगे। बैंक ऑफ बड़ाैदा से 40.18 कराेड़ और इंडियन बैंक से 49.64 कराेड़ रुपए की वसूली के लिए सर्टिफिकेट केस किया गया है।
इन दाेनाें बैंकाें पर 20 मार्च 2020 काे सर्टिफिकेट केस दायर किया गया था। 12 जुलाई 2019 काे डीएम की अध्यक्षता में सृजन मामले पर हुई बैठक में दिए गए निर्देश के संदर्भ में डीआरडीए ने सृजन घाेटाले में बैंकाें द्वारा 89 कराेड़ 83 लाख, 9 हजार 411 रुपए की हेराफेरी काे लेकर सर्टिफिकेट केस दर्ज किया गया था। पिछले माह भी इस मामले में सुनवाई थी, लेकिन पूरी नहीं हाे सकी। अब साेमवार काे इस मामले में सुनवाई हाेगी।
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दैनिक भास्कर,,1733
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