लॉकडाउन की वजह से दूसरे प्रदेशों में फंसे हुए वैसे सभी प्रवासी श्रमिक और अन्य लोग जो वापस आना चाहते हैं, उन्हें अगले 7 दिनों में बिहार वापस लाया जाएगा। सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोविड-19 पर रोकथाम के लिए विभागों के प्रधान सचिव, सचिव, डीएम और एसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में यह आदेश दिया। मुख्यमंत्री ने प्रवासियों की वापसी के लिए राज्य सरकार के अफसरों को रेलवे और दूसरे प्रदेशों के संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर इस काम को समय सीमा के भीतर पूरा करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि पटना और बिहार के अन्य शहरों में भी दूसरे प्रदेशों के जो लोग फंसे हुए हैं, उनको वापस भेजने की व्यवस्था गाइडलाइन के अनुसार की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी ग्राम पंचायतों में कोरोना संक्रमण से लोगों की सुरक्षा के लिए संबंधित पंचायत के सभी परिवारों को सरकार की तरफ से साबुन और चार मास्क दिया जाएगा।
पीएम से बोले सीएम : प्रवासी बिहारियों को लाने के लिए ट्रेनों की संख्या बढ़ाए केंद्र, बसों का भी इंतजाम हो
प्रधानमंत्री के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी भी बड़ी तादाद में प्रवासी मजदूर बिहार आना चाहते हैं। उन सभी के लिए भी और ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाए। साथ ही नजदीक के लोगों को बसों से भी लाने की व्यवस्था की जाए। जो प्रवासी मजदूर बिहार आना चाह रहे हैं, उन्हें 7-8 दिनों के अंदर बिहार पहुंचाने की व्यवस्था हो। जरूरतमंदों को ट्रेनों से लाने की अनुमति देने के लिए मैं केन्द्र सरकार को धन्यवाद देता हूं। राज्य में 10 मई तक 96 ट्रेन से 1 लाख 14 हजार लोग आए हैं। अगले 7 दिनों में 179 ट्रेनें और आने वाली है, जिससे ढाई लाख लोगों के आने की संभावना है। इधर, राज्य के अफसरों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक बिहार को कम संख्या में जांच किट्स मिल रहे हैं क्योंकि राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या कम है। बाहर से आ रहे लोगों के कारण कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है।
निर्देश : निर्माण कार्यों में लाएं तेजी, ताकि बढ़ें रोजगार के अवसर
मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्माण कार्यों में निर्धारित गाइडलाइन का पालन करते हुए तेजी लाई जाए। बालू, गिट्टी, सीमेंट और ईंट जैसी निर्माण सामग्रियों की उपलब्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए। खान विभाग के प्रधान सचिव हरजोत कौर ने बताया कि 20 अप्रैल से स्टोन माइंस और 4 मई से बालू की निकासी शुरू हो चुकी है।
हिदायत : रोजगार योजनाओं की जिलाधिकारी खुद करें मॉनिटरिंग
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के कार्यों को बढ़ाएं। सभी जिलों के डीएम इसकी लगातार मॉनिटरिंग करते रहें। स्किल सर्वे के आधार पर रोजगार सृजन की कार्रवाई की जाए। आवश्यकतानुसार संबंधित निर्माण इकाइयों की स्थापना राज्य में ही करने के लिए समुचित कार्रवाई की जाए। राज्य में संचालित इकाइयों की भी क्षमता बढ़ाकर श्रमिकों को उनके स्किल के अनुरूप रोजगार उपलब्ध कराया जाए, ताकि श्रमिकों को यहीं पर स्थाई रूप से रोजगार उपलब्ध कराया जा सके।
प्रधान सचिव बोले-रेड जोन के लोगों की हो रही रैंडम टेस्टिंग
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने मुख्यमंत्री को बताया कि 4 से 10 मई के बीच बिहार आए 150 व्यक्ति कोरोना वायरस संक्रमित पाए गए हैं। इनमें गुजरात के 33, महाराष्ट्र के 36, एनसीआर के 41, तेलंगाना के 10 और हरियाणा के 3 सहित कई अन्य राज्यों से आए प्रवासी शामिल हैं। प्राथमिकता के आधार पर रेड जोन से आनेवाले लोगों की रैंडम जांच की जा रही है।
स्टेट क्वारेंटाइन सेंटरों में 1.32 लाख लोग रखे गए
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि राज्य के क्वारेंटाइन सेंटरों में 1 लाख 32 हजार 226 लोग रखे गए हैं। ब्लॉक क्वारेंटाइन सेंटर पर 3 लाख 75 हजार जबकि पंचायत स्तरीय क्वारेंटाइन सेंटर पर 2.42लाख लाेग है।
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दैनिक भास्कर,,1733
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