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Wednesday, May 13, 2020

जापानी बुखार की रोकथाम एवं उपचार में अब आईसीडीएस का मिलेगा सहयोग

कोरोना संकट के बीच जापानी बुखार व एक्यूट एंसैफलाइटिस सिंड्रोम जैसे संभावित बीमारियों के फैलने को लेकर चलाए जा रहे एहतियाती उपाय में समेकित बाल विकास परियोजना विभाग आइसीडीएस का भी सहयोग मिलेगा। इसे लेकर अब जिला में महिला पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका अपने क्षेत्रों में एईएस व जेई से बचाव एवं त्वरित राहत कार्य में अपना सहयोग देंगी। इसको लेकर आईसीडीएस के निदेशक आलोक कुमार ने सभी आइसीडीएस जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को इस संबंध में पत्र लिखकर जानकारी दी है।

विभाग के द्वारा जारी दिशा निर्देश में उल्लेख किया गया है कि इसके लिए सभी संबंधित कर्मियों को राज्य सरकार द्वारा एईएस प्रबंधन को लेकर जारी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम( एसओपी) को अनुसरण करते हुए कार्य करना है। निदेशालय से निर्देश मिलने के बाद यहां उसी अनुरूप तैयारियां भी शुरू कर दी गई है। गौरतलब हो कि गत वर्ष भी गर्मी के शुरूआत में ही राज्य के कई जिलों में एईएस( चमकी बुखार) एवं मस्तिष्क बुखार(जेई) के कई मामले सामने आये थे, जिससे कई बच्चों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी थी। कोरोना संकट के बीच इसे ध्यान में रखते हुए अभी से राज्य सरकार एईएस प्रबंधन पर कार्य शुरू कर दी है।
बच्चे की जान बचाने को लेकर त्वरित कार्रवाई करेंगी सेविका
विभाग ने यहां अधिकारियों को निर्देशित किया है कि समुदाय में यदि कोई बच्चा एईएस या जेई से ग्रसित पाया जाता है तो आंगनबाड़ी सेविका बच्चे की जान बचाने के लिए त्वरित कार्रवाई करेंगी। इसके लिए आंगनबाड़ी सेविकाओं को जरुरी निर्देश दिए गए हैं। निर्देश में कई जरूरी उपायों पर विस्तार से उल्लेख किया गया है। जेई से ग्रसित बच्चों के लिए किए जाने वाले उपायों में कुछ चीजें प्रमुख रूप से उल्लेखनीय है। विशेषज्ञों का मानना है कि बताए गए निर्देशों के अनुसार काम करने से संबंधित मरीजों को अपेक्षाकृत आसानी से ठीक होने की ज्यादा गुंजाइश बनती है।



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ICDS will now cooperate in prevention and treatment of Japanese fever

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दैनिक भास्कर,,1733

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