माह-ए-रमजान मुस्लिम समाज के पवित्र त्योहारों में एक है। इस त्योहार का बहुत ही महत्व है। इस माह में लोग अपनी दिनचर्या को ईश्वर के लिए समर्पित कर अल्लाह की इबादत में लग जाते हैं। उक्त बातें युवा हाफिज मो हामिद ने दूसरे जुम्मे नमाज के दौरान कही। उन्होंने कहा कि रमजान सभी महीनों में सबसे पवित्र व त्याग का महीना है। पूरी दुनिया वैश्विक महामारी से जूझ रही है और भारत में भी लॉकडाउन है।
ऐसे में मस्जिदों में नमाज पर पाबंदी है। जिसे लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों को इबादत में थोड़ी परेशानी आ रही है। लेकिन पूरी अकीदत के साथ छोटे-बड़े, बुजूर्ग, महिला अपने अपने घरों में रमजान की फजीलत को समझते हुए ईश्वर के प्रति अपनी श्रद्धा को मजबूत बनाने के लिए 14 घंटे से अधिक की रोजा रख रहे हैं और ईश्वर से नमाज में दुआ करते हैं। वहीं दुनिया की हर समस्या का हल कहे जाने वाले पवित्र पुस्तक कुरान भी इसी महीने नाजिल हुई। रमजान की कुरान में बहुत फजीलत (महत्व) है।
इसलिए कलाम पाक की तिलावत भी खूब की जाती है। इस माह में रात्रि नमाज के बाद तरावीह में खड़े होकर पूरी कुरान सुनी जाती है। खासतौर पर इस माह में रोजेदार अल्लाह के करीब आने के लिए अपनी सारी आकांक्षाओं को छोड़कर इबादत में लग जाते है। हाफिज मोहम्मद हामिद ने अपने बारे में बताया कि महाराष्ट्र के अक्कलकुवा स्थित मदरसा से कुरान ए करीम को हिब्ज यानी याद किया और हर साल रात्रि के समय तरावीह में पूरी कुरान पढ़कर सुनाते हैं। इसके साथ ही इस्लाम में बताए गए सबसे बेहतर कार्य तिजारत यानी व्यवसाय से जुड़े हैं। वहीं सादिक जुनैद रमजान के इस पवित्र माह में वैश्विक महामारी से छुटकारा और मुल्क में अमन शांति कायम के लिए अल्लाह से दुआ मांगने की लोगों से अपील की ताकि देश में पुनः पूर्व की स्थिति जल्द कायम हो सके और लोग अपने जीवन यापन को बेहतर तरीके से जी सके।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
https://ift.tt/2WG8LCJ
दैनिक भास्कर,,1733
No comments:
Post a Comment