एनुरिज्म, एवीएम और स्ट्रोक के इलाज के लिए अब ब्रेन खोलने की जरूरत नहीं होगी। इसका इलाज इंडोवास्कुलर न्यूरो सर्जरी तकनीक से किया जाएगा। इसकी सुविधा आईजीआईएमएस के न्यूरो सर्जरी विभाग में दिसंबर तक मिलने लगेगी। मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. मनीष मंडल ने कहा कि इस तकनीक से इलाज के लिए अभी मरीजाें को बड़े शहरों में जाना पड़ता है।
प्राइवेट में जो खर्च होता है, उससे 50 फीसदी कम में यहां इलाज हाेगा। यह एंजियोग्राफी तकनीक की तरह ही है। जिस तरह से हार्ट का ब्लाॅकेज पता करने के लिए एंजियोग्राफी की जाती है। उसी तकनीक की तरह ब्रेन में पहुंचकर इन बीमारियों का इलाज किया जाता है। इसमें रिस्क कम रहता है और मरीज की रिकवरी भी जल्द होती है।
यह हाेती है परेशानी
एनुरिज्म ऐसी बीमारी है, जो किसी भी उम्र में हो सकती है। जन्मजात भी हो सकती है। मरीज को सिरदर्द, बेहोशी, चक्कर, हेमोरेज की शिकायत होती है। कुछ एसिम्टोमेटिक भी होते हैं। उनमें इस बीमारी के लक्षण नहीं मिलते हैं। सिर्फ सिरदर्द या चक्कर आने की शिकायत हो सकती है। इसमें ब्रेन की धमनियों में गुब्बारा बन जाता है।
एवीएम (आर्ट्रियो वास्कुलर मैलफारमेंशन) में ब्रेन के अंदर नसों का गुच्छा बन जाता है। इसमें मरीज को चक्कर, हेमोरेज और सिरदर्द की शिकायत होती है। वहीं स्ट्रोक, हेमोरेजिक और नन हेमोरेजिक होता है। हेमोरेजिक और नन हेमोरेजिक दोनों में ब्रेन में खून का थक्का जम जाता है। इन तीनों का इलाज जल्द ही इंडोवास्कुलर न्यूरो सर्जरी तकनीक से संभव हो सकेगा।
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दैनिक भास्कर,,1733
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