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Saturday, September 12, 2020

हत्या पर अंकुश लगाने की बजाय प्रमोशन का बनाया जा रहा कानून

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा दलित कार्ड खेला है। उन्होंने अधिकारियों को ऐसा प्रावधान बनाने का निर्देश दिया है कि किसी अनुसूचित जाति-जनजाति की हत्या हो जाने पर उसके परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। नीतीश सरकार के इस दलित कार्ड पर हंगामा तो होना ही था। सुशासन बाबू के इस फरमान का राजनीतिक पार्टियों द्वारा खूब विरोध किया जा रहा है। वीकेएसयू के पूर्व सीनेट सदस्य एवं कांग्रेस के वरीय नेता चंद्रमा प्रसाद यादव ने इस चुनावी जुमला करार दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस चुनावी जुमला से हत्या को बढ़ाया मिलेगा।

साथ ही इसका दुरूपयोग होगा। आपसी दुश्मनी निकालने के लिए लोग अपने से ही हत्या करके दूसरे को फंसा देंगे। चंद्रमा यादव ने इस घोषणा को गलत ठहराते हुए कहा, “आदिवासियों, पिछड़ों-अतिपिछड़ों व सवर्णों की हत्या पर उनके परिवार के सदस्य को क्यों नहीं नौकरी मिलनी चाहिए। क्या सवर्णों के जान की कोई कीमत नहीं है। ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए कि हत्या नहीं हो, न कि प्रोमोशन का कानून बनाया जाना चाहिए।



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दैनिक भास्कर,,1733

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