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Monday, September 14, 2020

प्रैक्टिकल का अब बदल जाएगा स्वरूप, लिखित परीक्षाओं के समूह और केंद्र भी बढ़ेंगे

कोरोना काल में 6 माह के बाद यूजी-पीजी की परीक्षाएं शीघ्र शुरू होंगी। सुरक्षा के मद्देनज़र कुछ बदलाव किए गए हैं। प्रैक्टिकल की परीक्षा अब विश्वविद्यालय नहीं लेगा। कॉलेज ही अपने स्तर पर आंतरिक मूल्यांकन कर प्रैक्टिकल के अंक विश्वविद्यालय काे उपलब्ध करा देंगे। हालांकि, लिखित परीक्षा के पैटर्न में कोई फेरबदल नहीं किया गया है।

पहले की तरह ही यूजी के विभिन्न विषयों की परीक्षा 3 घंटे की होगी। प्रश्नपत्र के पैटर्न पूर्व की तरह ही होंगे। सोमवार को बीआरए बिहार विश्वविद्यालय परीक्षा बोर्ड की वर्चुअल बैठक में इसके साथ-साथ कई अहम निर्णय लिए गए।

इस दाैरान कुलपति डॉ. हनुमान प्रसाद पांडेय बोर्ड के सदस्यों से ऑनलाइन जुड़े रहे। परीक्षा नियंत्रक डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि लिखित परीक्षा के पैटर्न में बदलाव न कर विषयों के ग्रुप और केंद्र बढ़ाए जाएंगे। यूजी के पार्ट 1, 2 एवं 3 के 2020 की तीनों परीक्षाअाें में यह लागू होगा। दो पालियों में परीक्षा होगी।

पेंडिंग रिजल्ट : 15 दिनाें में आवेदन पर शुल्क नहीं

रिजल्ट के बाद पेंडिंग के निष्पादन काे लेकर आवेदन में सख़्ती की गई है। रिजल्ट के बाद किसी छात्र का रिजल्ट पेंडिंग होने पर 15 दिनों के अंदर आवेदन पर शुल्क नहीं लगेगा। 16 से 90 दिनों के बीच आवेदन 100 रुपए चालान के साथ कॉलेज में देना होगा। 91 से 180 दिनों के बीच 200 रुपए शुल्क लगेंगे। छह माह के बाद आवेदन पर विचार नहीं होगा।

पार्ट 3 में नहीं हाेगी जीएस की परीक्षा, औसत अंक मिलेंगे

स्नातक पार्ट 3 की परीक्षा में इस बार जीएस के पेपर नहीं होंगे। अन्य पेपर की लिखित परीक्षा के अंकों का औसत निकाल कर जीएस का नंबर दिया जाएगा। जीएस में छात्रों की काफी भीड़ हो जाती है, इस कारण यह निर्णय लिया गया है।

ऑनलाइन भराया जाएगा फॉर्म

सबसे पहले स्नातक पार्ट 3 की परीक्षा ली जाएगी। इसके लिए 15 सितंबर के बाद ऑनलाइन फॉर्म भराया जाएगा। फॉर्म में कुछ परिवर्तन भी रहेगा। जल्द ही इसकी सूचना कॉलेजाें को दी जाएगी।

ओएमआर शीट पर होगी परीक्षा

स्नातक पार्ट 1 और 2 में एमआईएल की परीक्षा ओएमआर शीट पर होगी। 50 ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन 2-2 अंक के होंगे। विवि की वेबसाइट पर मॉडल क्वेश्चन दिए जाएंगे।

इधर, शुल्क बढ़ोतरी पर डिप्टी मेयर ने डीएम से की शिकायत

शहर के एक नामचीन विद्यालय प्रबंधन पर फीस बढ़ाए जाने का आरोप लगाते हुए डिप्टी मेयर मान मर्दन शुक्ला ने डीएम से शिकायत की है। डिप्टी मेयर ने कहा है कि सत्र 2019-20 में शुल्क 1400 रुपए और टर्म फीस के साथ 2500 निर्धारित था।

अब इसे 1650 रुपए और टर्म फीस के साथ 4900 कर दिया गया है। कोरोना संकट के कारण सभी आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। ऐसे में विद्यालय प्रबंधन की ओर से शुल्क बढ़ोतरी अनैतिक है। उन्होंने डीएम से आग्रह किया है कि वे अभिभावकों की समस्याओं को देखते हुए स्कूल प्रबंधन को आदेश जारी करें।



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Now the pattern of practical will change, the groups and centers of written examinations will also increase.

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दैनिक भास्कर,,1733

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