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Sunday, August 30, 2020

मोहन भागवत ने लाखों परिवारों के साथ लिया पर्यावरण संरक्षण का संकल्प, कहा- हमें प्रकृति से पोषण पाना है, उसे जीतना नहीं

संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि हमको प्रकृति से पोषण पाना है, प्रकृति को जीतना नहीं है। हम भी इस प्रकृति के घटक हैं। हमको स्वयं प्रकृति से पोषण पाकर प्रकृति को जिलाते रहना है। इस प्रकार का विचार करके ही आगे पीढ़ी चलेगी। यही नहीं, ऐसा होगा तभी सृष्टि सुरक्षित होगी, मानव जाति सुरक्षित होगी और जीवन सुंदर होगा। वे हिन्दू स्प्रिचुअल सर्विस फाउंडेशन द्वारा रविवार को आयोजित ‘प्रकृति वंदन’ ऑनलाइन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
भागवत ने ​कहा- हमारे यहां, यह स्वाभाविक कहा जाता है कि शाम को पेड़ों को मत छेड़ो, पेड़ सो जाते हैं। पेड़ों में भी जीव है, इस सृष्टि का वे हिस्सा है। जैसे एनीमल किंगडम है, वैसे प्लांट किंगडम है। ये आधुनिक विज्ञान का ज्ञान हमारे पास आने के हजारों वर्ष पहले से है। इसलिए हमारे यहां नदियों की भी पूजा होती है, पेड़-पौधों, तुलसी की पूजा होती है। हमारे यहां पर्वतों की पूजा-प्रदक्षिणा प्रदर्शणा होती है, हमारे यहां गाय की भी पूजा होती है, सांप की भी पूजा होती है।

अपील : घरों में कम से कम एक पौधा लगाकर करें उसकी देखभाल करें
बिहार प्रभारी कुमोद कुमार ने बताया कि बिहार के हर शहर में स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं ने प्रकृति वंदन में सहभागिता दिखायी। दक्षिण ​बिहार संयोजक अभिषेक ओझा ने बताया- आयोजन टोली द्वारा यह प्रयास किया गया कि लोग अपने घरों में कम से कम एक पौधा लगाएं व उसकी देखभाल करें, ताकि यह कार्यक्रम महज कागजी न रह जाए।

उधर, पटना में भी लोगों ने अपने घर के आसपास लगे पौधे का जल अर्पित कर पूजन किया। बाजार समिति के एक स्कूली छात्र अपूर्व ओझा ने प्रकृति वंदन में सहभागी होते हुए फेसबुक लाइव के माध्यम से प्रकृति संरक्षण के महत्व को बताया। इस दौरान उसने अपने घर की छत पर लगे तुलसी वाटिका को दिखाया, जिसमें उसने तुलसी के 35 पौधे लगाएं है।



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Mohan Bhagwat took pledge to protect environment with millions of families, said- We have to get nourishment from nature, not win it.

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दैनिक भास्कर,,1733

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